मेट्रो रेल के मुख्य सुरक्षा आयुक्त (CMRS) शैलेश पाठक ने नोएडा-ग्रेनो मेट्रो लाइन की जांच का काम पूरा कर लिया है।जनवरी 2018 से एक किलोमीटर दायरे में ट्रायल शुरू हो गया था। अब पूरे रूट पर ट्रायल चल रहा है।
CMRS की जांच में अधिकतर चीजें ठीक पाई गई हैं।
कुछ छोटी कमियां पाई गईं जो दो-तीन दिन में ठीक कर दी जाएंगी। सीएमआरएस दो-तीन दिन में रिपोर्ट दे देंगे। अब 25 दिसंबर से इस रूट पर चलने की संभावना बताई गई है।
CMRS ने DMRAC के एमडी मंगू सिंह, नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन व पीएसी की कमांडेंट कल्पना सक्सेना के साथ गुरुवार को मेट्रो की गति की जांच की।
ग्रेटर नोएडा डिपो से ग्रेटर नोएडा डिपो को अधिकतम रफ्तार से चलाकर देखा गया। इस दौरान मेट्रो की रफ्तार करीब 90 किलोमीटर प्रति घंटा रही।
बताया जाता है कि सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक करीब 22 मिनट में मेट्रो पहुंच गई थी। इस दौरान मेट्रो का संतुलन व सवारियों की सुरक्षा से संबंधित चीजें CMRS ने देखीं।
सीएमआरएस ने 11 नवंबर से मेट्रो लाइन की जांच शुरू की थी। पहले दो दिन पूरी लाइन के सभी स्टेशन की जांच की गई। इसमें स्टेशन की लिफ्ट, एस्केलेटर, बिजली समेत कई बिंदुओं पर जांच की।
इस बारे में NMRC के कार्यकारी निदेशक पीडी उपाध्याय का कहना है कि जांच में कुछ कमी मिली या नहीं, यह CMRS की रिपोर्ट आने के बाद ही बता पाऊंगा। उनकी रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो के चलने की तारीख तय होगी। जनवरी 2018 से एक किलोमीटर दायरे में ट्रायल शुरू हो गया था। अब पूरे रूट पर ट्रायल चल रहा है।