माँ कालरात्रि की आरती नवरात्री के सातवे दिन की पूजा के लिये| जय कालरात्रि माता लिरिक्स| कालरात्रि जय-जय महाकाली । काल के मुंह से बचाने वाली।

कालरात्रि माता की आरती

कालरात्रि जय-जय महाकाली । काल के मुंह से बचानेवाली ।।

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतारा ।।

पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ।।

खड्ग खप्पर रखनेवाली । दुष्टों का लहू चखनेवाली ।।

कलकत्ता स्थान तुम्हारा । सब जगह देखूं तेरा नजारा ।।

सभी देवता सब नर-नारी । गावें स्तुति सभी तुम्हारी ।।

रक्तदंता और अन्नपूर्णा । कृपा करे तो कोई भी दुख ना ।।

ना कोई चिंता रहे बीमारी । ना कोई गम ना संकट भारी ।।

उस पर कभी कष्ट ना आवे । महाकाली मां जिसे बचावे ।।

तू भी भक्त प्रेम से कह । कालरात्रि मां तेरी जय ।।

नवरात्री के सातवे दिन माता कालरात्रि की पूजा के दौरान यह आरती विशेष रूप से गायी जाती है । देखे नवरात्री के आठवे दिन की आरती।

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