ये है गणेश जी के पांच प्रसिद्ध मंदिर – Five famous temples of Ganesha

Five famous temples of Ganesha

प्रथम पूज्जनीय भगवान श्री गणेश को हिन्दू धर्म के सभी देवी देवताओ में श्रेस्ट है। भगवान श्री गणेश को सभी देवताओ मे प्रथम पूज्य माने जाते हैं। गणपति आदिदेव हैं, जिन्होंने हर एक युग मे अलग अलग  अवतार लिए है। शिवमानस पूजा मे श्री गणेश को प्रणव (ऊँ) कहा गया हैं।

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वैसे तो गणेश जी के अनेक नाम हैं, सुमुख, एकदंत, कपिल, लंबोदर, विकट , विघ्नविनाश , विनायक, गणाध्यक्ष जैसे नामों से प्रख्यात भगवान शंकर और माता पार्वती के छोटे पुत्र गणेश की पूजा बुधवार को किया जाता हैं। इनकी पूजा करने से हर प्रकार के कार्यो मे आने वाले विघ्न का नाश हो जाता हैं और श्री गणेश जी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।

भगवान श्री गणेश के न जाने कितनी मंदिर हमारे देश मे हैं जिनके दर्शन मात्र से ही सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। भगवान गणेश अत्यंत चतुर व बुद्धिमान है। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रों मे किसी भी कार्य को करने के लिए पहले पूज्य हैं इसलिए इन्हें प्रथम पूज्य कहते हैं तथा इनकी भक्ति व उपासना करने वालो को गाणपत्य कहते हैं। गणेश जी का वाहन डिंक नामक मूषक ( Mushak ) हैं।

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गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिर ( ganesh jee ke prasiddh mandir ) – Five famous temples of Ganesha

1 ) श्री सिद्धीविनायक गणपति मंदिर, मुम्बई ( Shri Siddhi Vinayak Ganpati Mandir )

Shri Siddhi Vinayak Ganpati Mandir
Shri Siddhi Vinayak Ganpati Mandir Image

श्री सिद्धीविनायक मंदिर एकप्रख्यात मंदिर हैं जो कि मुम्बई मे स्थित एक गणेश मंदिर हैं। माना जाता हैं कि गणेश जी का सबसे प्रिय रूप सिद्धीविनायक हैं। सिद्ध पीठ से जुड़े होने के कारण गणेश जी का मंदिर सिद्धीविनायक मंदिर कहलाता हैं। सुख -समृद्धि की नगरी मुम्बई के प्रभा देवी का इलाके का सिद्धीविनायक मंदिर सभी मंदिरो मे से एक हैं। जहाँ सिर्फ हिन्दू नहीं बल्कि हर धर्म, जाति के लोग पूजा अर्चना के लिए आते है। यह मंदिर सभी मंदिरो मे बहुत प्रसिद्ध मंदिर हैं इसका निर्माण 1801 मे विट्टु और देउबाई पाटिल ने किया था।

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2 ) श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई मंदिर , पूणे ( Shreemant Dagdusheth Halwai Ganpati Mandir )

Shreemant Dagdusheth Halwai Ganpati Mandir
Shreemant Dagdusheth Halwai Ganpati Mandir Image

यह मंदिर पूणे मे स्थित हैं जो अध्याधिक प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह महाराष्ट्र मे सबसे लोकप्रिय है यहाँ हर साल न जाने कितने तीर्थयात्री आते हैं। गणेश जी का यह मंदिर महाराष्ट्र मे सबसे प्रचलित मंदिरो मे से एक हैं। कहा जाता हैं कि इस मंदिर मे आने वाले लोगों की दरिद्रता और विघ्न से मुक्ति पाकर ऐश्वर्य को प्राप्त करता है। श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर अपने वास्तु कला के लिए भी बहुत प्रसिद्ध हैं। यह गणेश जी का दूसरा प्रसिद्ध मंदिर हैं जो पूणे मे स्थित है। दग्दूसेठ हलवाई के बेटे कीप्लेग से मृत्यु होने के उसने इस मंदिर को 1893 मे बनवाया। इस मंदिर मे कई धर्म-जाति के लोग और देश-विदेश के लोग भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते है।

3) अरुल्मिगु उच्ची पिल्लयार मंदिर, तमिलनाडु ( Arulmigu Uchchi Pillaiyar Temple )

Uchchi Pillaiyar Temple
Arulmigu Uchchi Pillaiyar Temple Image

यह तिरु चिरा पल्ली के तमिलनाडु मे स्थित यह प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर हैं। उच्ची पिल्लयार मंदिर 7वी सदी का हिन्दू मंदिर हैं। यह मंदिर 272 फीट ऊँचे पहाड़ पर हैं। मान्यतानुसार गणेश जी ने वहाँ पर रंगनाथ की मूर्ति स्थापित की थी। माना जाता हैं कि श्रीराम ने विभीषण को रंगनाथ की मूर्ति उपहार स्वरूप देते हुए कहा था कि एक बार जहाँ इस मूर्ति को रख दोगे वही यह स्थापित हो जायेगा। विभीषण उसे लंका ले जा रहा था कि रास्ते मे उनका कावेरी नदी पर स्नान करने की इच्छा हुई लेकिन उसको श्रीराम जी की बातें स्मरण थी तभी उस समय गणेश जी चरवाहे के रूप लेकर विभीषण से बोले की तुम स्नान कर लो। विभीषण चरवाहे को मूर्ति देकर स्नान करने लगता हैं और गणेश जी रंगनाथ की मूर्ति जमीन पर रख देते है।

4 ) त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथम्भौर , राजस्थान ( Trinetra Ganesh Temple Ranthambore )

Trinetra Ganesh Temple Ranthambore
Trinetra Ganesh Temple Ranthambore

यह मंदिर राजस्थान के रणथम्बौर जिले मे स्थित है जोकि अत्यंत प्रसिद्ध मंदिरो मे से एक हैं यह मंदिर प्रकृति व आस्था का अनुठा संगम हैं। भारत के कोने-कोने से लाखो लोग यहाँ पर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन हेतु आते हैं कई मन्नते मांगते हैं जिन्हें भगवान त्रिनेत्र गणेश जी पूरी करते हैं।”इस गणेश मंदिर का निर्माण महाराजा हम्मीर देव चौहान ने करवाया था लेकिन मंदिर के अंदर भगवान गणेश की की प्रतिमा स्वयंभू हैं। भगवान त्रिनेत्र गणेश जी का तीसरा नेत्र ज्ञान का प्रतीक हैं।चार स्वयंभू गणेश मंदिरो मे से यह प्रथम स्वयंभू मंदिर हैं।

5 ) कनिपक्कम विनायक मंदिर, चित्तूर  ( आंध्रप्रदेश ) – Kanipakkam Vinayak Temple

Kanipakam Vinayaka temple at chittur in andhrapradesh
Kanipakam Vinayaka temple at chittur in andhrapradesh Image

भगवान गणेश का यह मंदिर कई कारणों से अपने आप मे एक अनुठा और अद्धभुत हैं।कहा जाता हैं कि इस मंदिर मे भगवान गणेश की मूर्ति का आकार हर दिन बढता जा रहा हैं।आन्ध्रप्रदेश के चिन्तुर मे नदी के बीचोबीच स्थित हैं।कुलोथूंग चोला ने इस मंदिर का निर्माण कराया था जहाँ पर लाखों श्रद्धालुओं दर्शन के लिए प्रतिवर्ष आते हैं।सभी भक्त ब्रह्मोत्सव के दौरान गणेश चतुर्थी के दर्शन के लिए आते हैं।

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