Dwadash Jyotirlinga – द्वादश ज्योतिर्लिंग
संस्कृत के बारहवे दिन को द्वादश कहा जाता है और भगवान शिव जहाँ जहाँ स्वयं प्रकट हुए थे और उस स्थान पर जो शिवलिंग स्थित है उसे ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। इन्ही बारह शिवलिंगो को द्वादश ज्योतिर्लिंग ( Dwadash Jyotirlinga ) कहते है। ये सभी शिव लिंग भारत के हर एक कोने में स्थित है। सावन के सोमवार के दिन इन सभी ज्योतिर्लिंगो पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है सभी शिव भक्त अपने अपने काँवर में जल लेके काँवर यात्रा ( Kanwar Yatra ) करते है और भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग पर जल ढारते है। इतना ही नहीं सावन सोमवार व्रत ( Sawan Somwar vrat ) करते है सावन सोमवार व्रत कथा ( Sawan Somwar vrat katha )सुनते है। Kab se shuru hoga sawan 2020 जानने के लिए क्लिक करे।
सोमनाथ ( गिर सोमनाथ ), गुजरात- सोमनाथ मंदिर – Somnath Mandir Gujarat
भगवान शिव के पवित्र मंदिरो मे से एक हैं। यह मंदिर आँखों को सुन्दर नजारा देता हैं। सोमनाथ मंदिर पवित्र स्थल के साथ -साथ पर्यटको के लिए सुन्दर स्थान हैं। यह मंदिर अरब सागर के किनारे पर स्थित हैं जो इसे देखने के लिए अधिक रमणीय बनाता हैं। सोमनाथ ज्योतिर्लिंगो के मात्र दर्शन से ही भक्तों के जन्म जन्मांतर के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। सोमनाथ मंदिर गुजरात का मुख्य आर्कषण हैं।
मल्लिकार्जुन (श्री सैलम), आन्ध्रप्रदेश- मल्लिकार्जुन – Mallikaarjun Mahadev Mandir
आन्ध्रप्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल पर्वत पर विराजमान हैं। इन्हें दक्षिण का कैलाश कहा जाता हैं। श्री शैल के शिखर के दर्शन से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर भाग जाते हैं। अतः उन्हें अपार सुखों की प्राप्ति होती हैं। यहाँ.शिव की आराधना मल्लिकार्जुन के रूप मे की जाती हैं । महाशिवरात्रि के दिन सभी भक्त ज्योतिर्लिंगो के दर्शन करके स्वयं के जीवन को कृतार्थ करते हैं।
महाकालेश्वर ( उज्जैन) मध्यप्रदेश – Mahakaleshwar Mandir ( Ujjain ) Madhya Pradesh
महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगो मे से एक हैं। यह मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन मे स्थित हैं। अतिसुन्दर व दक्षिणामुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यंत पुण्यदायी महता हैं। इनके दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं, महाशिवरात्रि और श्रावणमास मे हर सोमवार को भगवान शिव का प्रमुख मंदिर हैं।
ओकारेश्वर ( खड़वा ) , मध्यप्रदेश – Omkareshwar Mandir ( Khandwa ) Madhya Pradesh
ओकारेश्वर मंदिर एक हिन्दू मंदिर हैं। यह मंदिर मध्यप्रदेश के खड़वा जिले मे स्थित हैं। यह नर्मदा नदी के मध्य मन्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित हैं। ओकारेश्वर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगो मे से एक हैं। ओकारेश्वर धाम मध्यप्रदेश की मोक्षदायिनी(मोक्ष प्राप्त करने करने के लिए) स्थान हैं।शिवके पवित्र ज्योतिर्लिंगो के दर्शन करने से पहलेनर्मदा नदी मे स्नान कर पवित्र डुबकी लगनि होता हैं। जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की कामना पूरी करते हैं।
केदारनाथ ( रुद्रप्रयाग ) ,उत्तराखण्ड- Kedarnath Mandir ( Rudraprayag ) Uttarakhand
केदारनाथ को हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र स्थानो यानी चार धामो मे से एक माना जाता हैं, और ग्रन्थों मे बारह ज्योतिर्लिंगोमे से ,सबसे ऊँचाज्योतिर्लिंगो यही पर स्थित हैं। केदारनाथ उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले मे स्थित है। यह स्थान समुद्रतल से 3586 मीटर की ऊचाई पर हिमालय पर्वत के गढ़वाल क्षेत्र मे स्थित हैं। यह मंदिर अप्रैल से नवम्बर माह के मध्य दर्शन के लिए खुलता हैं,क्योंकि वहाँ की जलवायु प्रतिकूल हैं । उत्तराखंड मे बद्रीनाथ और केदारनाथ दो तीर्थस्थल हैं, दोनों का दर्शनो का बड़ा ही महत्व हैं।
भीमाशंकर, महाराष्ट्र – Bhimashankar Maharashtra
भीमाशंकर शिव का प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगो हैं। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगो मे भीमाशंकर का छठा स्थान है। भीमाशंकर महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किमी दूर सह्याद्रि पर्वत पर स्थित हैं इस मंदिर मे स्थापित की गयीं शिवलिंग काफी बड़ा और मोटा हैं, जिसके कारण इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता हैं। मंदिर के पास ही भीमा नदी बहती हैं। जो कृष्णा नदी मे जाकर मिलती हैं।
काशी विश्वनाथ ( वाराणसी), उत्तरप्रदेश Kashi Vishwanath ( Varansi ) Uttar Pradesh
विश्वनाथ मंदिर शिव कै अर्पित सबसे प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरो मे से एक हैं। यह वाराणसी ,उत्तरप्रदेश भारत मे स्थित हैं। विश्वनाथ पवित्र नदी गंगा के पश्चिम तट पर स्थित हैं। मुख्य देवता विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता हैं। वाराणसी शहर को काशी भी कहते हैं। इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ कहते हैं। यह मंदिर पिछले कई हजारों वर्षो से वाराणसी मे स्थित हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दू धर्म मे एक विशिष्ट स्थान हैं। इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा मे स्नान करने मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। महाशिवरात्रि की मध्य रात्रि मे प्रमुख मंदिरो से सुन्दर शोभा यात्रा ढोल नगाड़े आदि के साथ विश्वनाथ मंदिर तक जाती हैं।
त्र्यंबकेश्वर ( नासिक),महाराष्ट्र – Trimbakeshwar ( Nashik ) Maharashtra
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगो मे ब्रह्मा ,विष्णु और महेश तीनो ही विराजमान हैं। यही इस ज्योतिर्लिंगो की सबसे बड़ा विशेषता हैं। तथा सभी ज्योतिर्लिंगो मे केवल भगवान शिव ही विराजित हैं। महाराष्ट्र के प्रमुख शहर नासिक से 28 किमी की मंदिर स्थित हैं। ऐसा माना जाना हैं। कि यहाँ त्रिदेव विराजमान हैं। इस मंदिर के नजदीक ब्रह्मागिरी पर्वत हैं। जहाँ से गोदावरी नदी का उद्गम माना जाता हैं।
नागेश्वर मंदिर द्वारका , गुजरात- Nageshvara Jyotirling Mandir Dwarka , Gujarat
नागेश्वर मंदिर द्वारका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र मे स्थित हैं। नागेश्वर शब्द का अर्थ हैं, नागो के ईश्वर। नाग जो हमेशा भगवान शिव के गर्दन पर विराजमान रहते हैं। इसलिए नागेश्वर मंदिर विष और विष से सबधिंत रोगों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। नागेश्वर शिवलिंग काले पत्थर वाले द्वारका शिला से त्रिमुखी रुद्र रूप मे स्थापित हैं। शिवलिंग के साथ देवी पार्वती की भी उपासना की जाती हैं। यह शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगो मे से एक हैं। यह मंदिर द्वाराका, गुजरात के बाहरी क्षेत्र मे स्थित हैं। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा पर यहाँ बड़ा भारी मेला लगता हैं। महाशिवरात्रि अति उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता हैं।
वैघनाथ ( देवघर ), झारखंड – Baidyanath ( Devghar ) Jharkhand
देवघर बाबा वैघनाथ धाम भारत के राज्य झारखंड मे अतिप्रसिद्ध देवघर नामक स्थान पर स्थित हैं ।यह मंदिर पवित्र तीर्थ स्थल होने के कारण लोग इसे वैघनाथ धाम भी कहते हैं। यह एक सिद्धपीठ हैं ,मान्यता हैं कि यहां आने वालों भक्तों की मनोकामना बहुत जल्दी पूरी हो जाती हैं, इसलिए इस लिगं को ” कामना लिगं ” कहा जाता हैं।वैघनाथ मंदिर स्थित होने के कारण उस स्थान को देवघर नाम मिला ।
रामनाथस्वामी ( रामेश्वरम ) , तमिलनाडु – Ramanathaswamy ( Rameswaram ) Tamil Nadu
रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले मे स्थित होने के साथ -साथ यह हिन्दुओं का एक पवित्र तीर्थ हैं । रामेश्वरम का मतलब संस्कृत मे ‘ राम के भगवान ‘ शिव , रामनाथ स्वामी मंदिर के इष्टदेव की एक उपाधि हैं। यह तीर्थ हिन्दुओं के चारो धामो मे से एक हैं इसके अलावा वहां स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगो मे से एक माना जाता हैं । भारत के उत्तर काशी कि जो मान्यता हैं ,वही दक्षिण मे रामेश्वरम की हैं । रामेश्वरम चेन्नई से लगभग सवा चार सौ मील दक्षिण -पूर्व मे हैं।
घृष्णेश्वर ( औरंगाबाद ) – Grishneshwar Mandir Aurangabad
घृष्णेश्वर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगो मे से एक हैं ,जो महाराष्ट्रा के औरंगाबाद शहर मे दौलत बाद से महज 11 किलोमीटर की दूरी पर हैं । इस मंदिर को सभी लोग घुश्मेश्वर के नाम से भी जानते हैं।माना जाता हैं कि मंदिर मे दर्शन करने से हर प्रकार के रोग , दु:ख दूर होते हैं यहां तक नि:संतान को संतान का सुख भी मिलता हैं। यह एक प्राचीन मंदिर हैं जिसका उल्लेख हिन्दू धर्म मे से एक शिव पुराण मे मिलता हैं।