नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआइ डायरेक्टर आलोक वर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। अलोक वर्मा की तरफ से वरिष्ठ वकील फली नरीमन और स्पेशल सीबीआई डायरेक्टर राकेश अस्थाना की तरफ से मुकुल रोहतगी सुप्रीमकोर्ट में पेश हुए ।
बहस में नारिमन ने कहा, ‘काम छीनने से पहले नियुक्ति कमेटी से मशविरा नहीं किया गया और न ही कोर्ट की इजाज़त ली गई। जिसने विनीत नारायण का फैसला सुनाया था। अपनी बातों को रखते हुए नारिमन ने कहा कि वर्मा से निदेशक का काम छीनना ग़ैरक़ानूनी है।
वंही जब जस्टिस केएम जोसेफने नारिमन से पूछा ‘मान लो कोई रंगे हाथ रिश्वत लेता पकड़ा जाता है तो उस स्थिति में क्या होगा? जज के इस सवाल पर नारिमन ने कहा कि ‘ऐसे में कोर्ट से इजाज़त ली जाएगी ।’ जज ने फिर पूछा कि: ‘क्या ऐसे व्यक्ति को एक भी मिनट पद पर रहना चाहिए।’नारिमन ने जवाब दिया :’लेकिन कोर्ट है उसके पास जाएं’ सुप्रीमकोर्ट में CBI विवाद, वकील बोले-वर्मा को हटाना गैरकानूनीआलोक वर्मा के वकील फली नारिमन ने कहा, ‘पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने जो पूछा था, उससे आलोक वर्मा का कोई लेनादेना नहीं।’
आगे बहस जारी है