भारत के 13 वें राष्ट्रपति रह चुके, हमारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। उनके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता और संघ विचारक नानाजी देशमुख और प्रख्यात संगीतकार भूपेन हजारिका को मरणोपरांत इस सम्मान से सम्मानित किया गया है। हम आप को बता दे की उन्होंने 25 जुलाई 2012 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और वह इस पद पर 25 जुलाई 2017 तक रहे। सन 1984 में प्रणव मुखर्जी वित्तमंत्री रह चुके थे। नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में उन्होंने 1995 से लेकर 1996 तक विदेश मंत्री के रूप में काम किया था।
कौन थे भूपेन हजारिका
भूपेन हजारिका ऐसे बिरले कलाकारों में रहे जो कि खुद गीत लिखते थे, संगीत देते थे और उसे गाते भी थे। आठ दिसंबर 1926 को असम में जन्मे भूपेन हजारिका का पांच नवंबर 2011 को निधन हो गया था। भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों को दीवाना बनाया। उन्होंने कई गीतों को जादुई आवाज दी। ओ गंगा तू बहती क्यों है… और दिल हूम हूम करे जैसे गीतों ने भूपेन हजारिका को प्रशंसकों को दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया। असम का निवासी होने के कारण भूपेन असमिया संस्कृति और संगीत से भी जुड़े रहे। भूपेन हजारिका का जन्म असम के तिनसुकिया जिले की सदिया में हुआ था।
जानिए कौन हैं नानाजी देशमुख
11 अक्टूबर 1916 को जन्मे नानाजी देशमुख का 27 फरवरी 2010 को निधन हो गया। वह समाजसेवी और भारतीय जनसंघ के नेता थे। बताया जाता है कि 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। मगर उन्होंने यह कहकर मंत्रिपद ठुकरा दिया कि 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोग सरकार से बाहर रहकर समाजसेवा का कार्य करें। उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान के तहत तमाम समाजसेवा से जुड़े कार्यों को विस्तार दिया। अटल विहारी वाजपेयी की सरकार में उन्हें भारत सरकार ने पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। नानाजी देशमुख का जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में एक मराठा परिवार में हुआ था।