स्टेचू ऑफ लिबर्टी के बारे में कुछ रोचक जानकारी

स्टैचू ऑफ लिबर्टी न्यूयॉर्क के हार्बर शहर में स्थित एक विशाल मूर्ति है। मूर्ति जिस टापू पर स्थित है उसे Liberty Islandकहा जाता है।

ये मूर्ति फ्रान्स ने 1886 में अमेरिका को
अमेरिकन क्रांति के दौरान फ्रान्सऔर अमेरिका की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर दी थी।

ये भी पढ़े..किन किन को मिला भारत रत्न 2019

स्टेच़्यू ऑफ लिबर्टी की मशाल 1876 में सबसे पहले बनकर तैयार हुई थी। परंतु 1916 में पहले विश्व युद्ध के समय जर्मन सैनिकों द्वारा किए गए हमले के कारण यह मशाल क्षतिग्रस्त हो गई।

इसको दोबारा ठीक करने में 1 लाख डाॅलर का खर्च आया था। Statue of Liberty की पुरानी मशाल को 1984 में ताबें की एक मशाल के साथ बदल दिया गया था जिस पर 24 किलो सोने का पतरा चढ़ा हुआ है।

2010 के शोध के अनुसार इस मूर्ति को देखने रोज़ाना 12 से 14 हज़ार लोग आते हैं।

तांबे की यह मूर्ति 151 फुट लंबी है, लेकिन चौकी और आधारशिला मिला कर यह 305 फुट ऊंची है। 22 मंज़िला इमारत के बराबर इस मूर्ति के ताज तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी न्यूयार्क हार्बर के पास एक छोटे से टापू पर बनी एक विशाल प्रतिमा है जो अपने एक हाथ में मशाल और दूसरे में एक किताब लिए खड़ी है।

Statue of Liberty को बन कर तैयार होने में लगभग 9 साल से ज्यादा का समय लगा था। इसके कुछ भाग फ्रांस में बने थे।

प्रतिमा के ताज से जो सात नुकीली कीलें निकली हुई हैं, वह संसार के सातो महाद्वीपों को दर्शाती हैं। एक कील की लंबाई 9 फीट और वज़न 68 किलो है।

प्रतिमा के बाएं हाथ में एक किताब है जिस पर अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस (4 जुलाई 1776) की तारीख रोमन में लिखी हुई है।

यह कुछ इस तरह से है- JULY IV MDCCLXXVI.

Statue of Liberty का पूरा नाम है – “Liberty Enlightening the World” (स्वतंत्रता संसार को शिक्षाप्रद करती है)।

इस मूर्ति को रोमन देवी Libertas (लिबर्टस) से प्रेरणा लेकर बनाया गया है क्योंकि उसे स्वतंत्रता की देवी माना जाता है। मूर्तिकार ने इसे अपने माँ के चेहरे पर बनाया था।

कुछ और पढ़े…G20 2022 की मेजबानी करेगा भारत

जब Statue of Liberty की मूर्ति बनकर खड़ी हुई थी तब यह लोहे की सबसे ऊँची संरचना थी।

Spread the love