आइये जानते है दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा के बारे में जिसका नाम है “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी”-
“स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री तथा प्रथम गृहमंत्री “सरदार वल्लभ भाई पटेल जी” को समर्पित एक स्मारक है, जो भारत के राज्य गुजरात में स्थित है।
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नरेंद्र मोदी जी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल जी के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया था। यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर, जो कि नर्मदा नदी के एक टापू साधू बेट नामक स्थान पर है। यह स्थान भारतीय राज्य गुजरात के भरुच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है।
यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है, जिसकी लम्बाई 182 मीटर यानी 597 फीट, लेकिन आधार सहित 240 मीटर यानी की 790 फीट है।
निर्माण कार्य का प्रारम्भ 31 अक्टूबर 2013 को प्रारम्भ हुआ। मूर्ति का निर्माण कार्य मध्य अक्टूबर 2018 में समाप्त हो गया। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल के 138वें जन्मदिवस के मौके पर किया
गया।
गुजरात सरकार द्वारा 7 अक्टूबर 2010 को इस परियोजना की घोषणा की गयी थी। इस मूर्ति को बनाने के लिये लोहा पूरे भारत के गाँव में रहने वाले किसानों से खेती के काम में आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों का संग्रह करके जुटाया गया।
लगभग 5 लाख किसानों से लोहा जुटाने का लक्ष्य रखा गया।इस अभियान का नाम “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अभियान” दिया गया था।
इसअभियान के दौरान लगभग 5,000 मीट्रिक टन लोहे का संग्रह किया गया। शुरुआत में यह घोषणा की गयी थी कि संग्रहित किये गये लोहे का उपयोग मुख्य प्रतिमा में किया जायेगा, मगर बाद में यह लोहा प्रतिमा में उपयोग नहीं हो सका, और इसे परियोजना से जुड़े अन्य निर्माणों में प्रयोग किया गया।
इसे पूर्ण होने में लगभग 4 वर्ष का समय लगा। परियोजना की कुल लागत 2,063 करोड़ है।