नई दिल्ली – शुक्रवार से शुरू हुए जी 20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प और जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ मिल कर कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा तो की और साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद और वित्तीय अपराध आज दो सबसे बडे ऐसे खतरे हैं, जिनका पूरी दुनिया सामना कर रही है।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत क्यों – ब्यूनो आयर्स में जारी जी 20 समिट में अनौपचारिक बैठक के दोरान मोदी ने इस बात पर जोर डाला कि आखिर दुनिया को आतंकवाद और वित्तीय अपराधों के खतरे के खिलाफ क्यों एकजुट होने की ज़रूरत है। मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद और कट्ठरतावाद दुनिया के लिए एक बडा खतरा है, लेकिन वित्तीय अपराध करने वाले लोग भी बडा खतरा हैं । हमें काले धन के खिलाफ एकजुट होकर काम करना होगा । ‘
सभी विकासील देशों को साथ आने को कहा – मोदी ने दुनिया के सभी विकासशील देशों को एकजुट होने के लिए कहा और उनसे सामान्य हितों की दिशा में काम करने का आग्रह किया । बकौल मोदी, ‘हमें संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय संगठनों के विकासशील देशों के हित के लिए एक आवाज में बात करनी है । यही वजह है कि हम ब्रिक्स के लिए एक साथ आए हैं । ‘
चीन के राष्ट्रपति से की मुलाकात – जी 20 समिट में मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की । इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने साझा मूल्यों पर जापान और अमेरिका के साथ मिलकर काम जारी रखने पर जोर दिया और कहा यह इशारा भी दिया कि इन तीनों देशों के मिलकर काम करने में ही जीत का मंत्र छिपा है।