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Yadav Gotra List, यादव के कितने गोत्र है? Yadav Vansh, Yadva Caste

Yadav Gotra- यादव के कितने गोत्र है?

yadav ke kitne gotra hote hain

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यादव ( yadav gotra ) के कितने गोत्र है ( yadav ke kitne gotra hote hain ) यह जानने से पहले यह जानना जरूरी है की गोत्र ( gotra ) क्या है ?

गोत्र क्या होता है?

गोत्र मोटे तौर पर उन लोगों के समूह को कहते हैं जिनका वंश एक मूल पुरुष पूर्वज से अटूट क्रम में जुड़ा है। गोत्र को हिन्दू लोग लाखो हजारो वर्ष पहले पैदा हुए पूर्वजो के नाम से ही अपना गोत्र चला रहे हैंं। गोत्र शब्द का अर्थ है बेटे के बेटे के साथ शुरू होने वाली (एक साधु की) संतान्। यादव जाति के गोत्रो की सूची नीचे दी जा रही है। 

Yadav Caste Gotra List – यादव जाति

यादव (अहीर) गोत्र के नामो की सूची। वैसे तो यादवो की 1700 से अधिक गोत्र है लेकिन मूल रूप से सिर्फ 64 गोत्र  होते है। यादव गोत्र लिस्ट इस प्रकार है।

1 ) अत्री गोत्र ( Atri gotra ):  इस गोत्र का नाम ऋषि अत्री के नाम पर रखा गया है। इस गोत्र  यदुवंशियो का मूल गोत्र माना गया है।

2 ) अफ्रिया गोत्र ( Afriya gotra ):  द्वारिकाधीश के प्रपौत्र युवराज वज्रनाभ के वंशज अफ़्रिया गोत्र थे। जिनका ठिकाना अहीरवाल और वेस्टर्न UP के कुछ गांव में है।

3 ) बाबरिया गोत्र ( Babriya gotra ) :  यह एक स्वतंत्र गोत्र है जो राजा जनमेजय के वंशज हैं। इनका ठिकाना ब्रज, गुजरात में है।

4 ) बनाफर गोत्र ( Banafar gotra ):  बुंदेलखंड के बनाफर के वंसज को बनाफर गोत्र का कहा जाता है।  प्रसिद्ध यदुवंशी योद्धा आल्हा, ऊदल इसी गोत्र से थे। इनका ठिकाना  Morena, Bhind, Maihar का क्षेत्र है।

5 ) बैरगड़िया गोत्र ( Bairgadhiya gotra ) :   मतस्य जनपद ( दक्षिण राजस्थान ) के यदुवंशी राजा विराट के वंशज हैं बैरगड़िया अहीर। उस समय में राजस्थान से माइग्रेट कर पश्चिमी यूपी और मध्यप्रदेश आ कर बसे और प्रसिद्ध दुर्ग बजरंगढ़ किले का निर्माण कराया।

6 ) बिचवालिया गोत्र :   (Mahendragarh, Bawal),

7 ) भटोटिया गोत्र : 

8 ) भीलोन गोत्र :  ( खानदान: Ghoshi Thakur Aheer, ठिकाना : Firozabad),

9 ) चिकाना गोत्र :  ,

10 )  दातारता गोत्र :  (Aheerwal),

11 ) देहमीवाल गोत्र :  ,

12 ) डागर गोत्र :   (माता यशोदा और रोहिणी जी इसी गोत्र की थी, ठिकाना : Western UP, Aheerwal, Gujarat),

13 ) दहिया गोत्र :  ( विदर्भ के राजा दहिभद्र यदुवंशी के वंशज, ठिकाना: Western UP, Aheerwal),

14 ) बाबर गोत्र :  ( राजा कंस के वंशज, ठिकाना: Western UP,Delhi )

15 ) देशवाल गोत्र :   (खानदान (कृष्णवंशी), ठिकाना : Bagpat,Aheerwal) माना जाता है भगवान श्री कृष्णा यादव वंश से थे। जाने भगवान श्री कृष्णा के जन्म से मृत्यु तक की कहानी

16 ) ढोलीवाल गोत्र :

17 ) ढँढोर :  ( यादवों का एक स्वतंत्र खानदान जो विदर्भ और खंडेश से आकर यूपी के कानपुर और पुर्वांचल में जा बसे )

18 ) फाटक गोत्र : ( घोषी ठाकुर अहीर खा़नदान का एक प्रसिद्धि गोत्र जो मथुरा के यदुवंशी राजा दिगपाल यदुवंशी के वंशज हैं, ठिकाना: ब्रज के मथुरा, शिकोहाबाद आदि इलाकों में )

19 ) गढ़वाल गोत्र :  ( घोषी ठाकुर अहीर खानदान का प्रसिद्ध गोत्र जो बलराम जी के पुत्र गदाधारी के वंशज हैं। ठिकान : ब्रज

20 ) घोषी ठाकुर : (घोषी अहीरों का एक प्रसिद्ध स्वतंत्र खानदान है जो मुख्यतः चेदि के यदुवंशी राजा दमघोष के वंशज हैं और ब्रज, मध्यप्रदेश, अफगानिस्तान में पाए जाते हैं। वर्तमान में घोषी खानदान में यदुवंशीयों के भिन्न भिन्न 200 गोत्र पाए जाते हैं। )

21 ) गँवाल गोत्र,

22 ) गोरिया गोत्र :  (यादवो की गवालवंशी शाखा जो गौ पालन के कारण कालांतर में गवालवंशी कहलाये, ये मुख्यतः यदुवंशी राजा गौर के वंशज हे)

23 ) हाडा गोत्र,

24 ) हर्बल गोत्र,

25 ) हिंवाल गोत्र,

26 ) जादम गोत्र (द्वारिकाधीश के पुत्र युवराज साम्ब यदुवंशी के वंशज हैं ब्रज में ये घोषी अहीर खानदान में पाए जाते हैं । जैसलमेर के भाटियों का निकास भी इसी गोत्र से है।

ठिकाना: Braj, Haryana, Alwar, Afghanistan, Sindh),

27 ) जद्वाल गोत्र,

28 )कमरिया गोत्र : (यदुवंशियों का एक और प्रसिद्ध खानदान जो मूलतः यदुवंशी युवराज कमरहंस के वंशज हैं और वर्तमान में इनके अंतर्गत भिन्न भिन्न 150 गोत्र आते हैं। ठिकाना : ब्रज, मध्यप्रदेश)

 29 ) खारवेल गोत्र : ( राजा खरवेल के वंशज )

30 ) खिमानिया गोत्र : ( प्रसिद्ध यदुवंशी योद्धा सात्यकि के वंशज।

ठिकाना : सात्यकि के वंशज खिमानिया मुख्त: गुजरात में पाए जाते हैं और माडम गोत्र, नंदानिया इसकी शाखाएँ हैं।

कृष्णावत/वृष्णिवंश( कृष्णौत यदुवंशीयों का एक प्रसिद्ध स्वतंत्र ख़ानदान है जो वृष्णि वंशी माने जाते हैं। बाबा वसुदेव और उनके चचेरे भाई बाबा नन्द दोनों इसी वृष्णि गोत्र से थे। भगवान श्रीकृष्ण के पिता कौन हैं?

31 ) खुखरायण गोत्र :   ठिकाना: Sindh),

32 ) कोशलिया गोत्र :  ( यदुवंशी राजा कोशलदेव सिंह के वंशज ठिकाना : Aheerwal),

33 ) कनिंवाल गोत्र (Aheerwal) : 

34 ) काठ गोत्र : (Gujarat, Maharashtra)

35 ) खोला गोत्र :  (Aheerwal)

36 ) खैर गोत्र :  ( Western UP, MP),

37 ) खोसिया गोत्र :  (Aheerwal)

38 ) लंबा गोत्र :   (Rajsthan and Aheerwal),

39 ) लाखनोत्र गोत्र :  (Gujarat),

40 ) मकवाणा गोत्र :  (सिंध प्रांत के मकवाणा से माइग्रेट कर गुजरात में बसने के कारण मकवाणा कहलाये. मूलतः सम्मा खा़नदान के अहीरों का गोत्र। ठिकाना: Gujarat )

41 ) मेहता गोत्र :  (ठिकाना : Rajsthan and Aheerwal (southern Haryana) ),

42 ) नंदानिया गोत्र :  (गुजरात)

43 ) निकुम्भ गोत्र  (ठिकाना : Aheerwal),

44 ) नहरिया गोत्र :  (ठिकाना: Delhi, Moradabad , Badaun),

45 ) पठानिया गोत्र ( ठिकाना: Western UP, MP)

46 ) पन्हार गोत्र : ,

47 ) रौधेले गोत्र :  ( घोषी ठाकुर अहीर ख़ानदान का एक प्रसिद्ध गोत्र जो राधारानी के वंशज हैं। (ठिकान: ब्रज, दिल्ली)

48 ) रुद्वाल गोत्र,

49 ) रहमानिया गोत्र,

50 ) राजोलिया गोत्र,

51 ) रोहिणी गोत्र : रोहिणी गोत्र के अहीर दाउ बलराम जी के वंशज माने जाते हैं। ठिकाना: ब्रज, मध्यप्रदेश। भगवान श्री कृष्णा का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था ।

52 ) सौंधेले गोत्र :  (ठिकाना : ब्रज )

53 ) सुल्तानिया गोत्र :  ( ब्रज के घोषी ठाकुर अहीर खानदान का प्रसिद्ध गोत्र),

54 ) सक्रिय गोत्र :

55 ) सिसोदिया/सिसोतिया गोत्र :   ( ठिकाना: Aheerwal, Western UP),

56 ) सिकेरा गोत्र :  (ठिकाना : ब्रज )

57 ) सम्मा गोत्र  :  ( सिंध से जो यदुवंशी माइग्रेट कर भारत आए वो सम्मा अहीर ख़ानदान कहलाए।

58 ) तोमर/तंवर गोत्र  : ( ठिकाना: Western UP),

59 ) वत्स गोत्र :    ,

60 ) वितिहोत्र गोत्र :  /हैहय वंशी( वितिहोत्र हैहयवंशी अहीरों का प्रसिद्ध गोत्र है जो घोषी ठाकुर अहीर ख़ानदान से हैं और ये माहिष्मती नरेश सम्राट सहस्त्रार्जुन के वंशज हैं

ठिकाना: Madhya Pradesh),

61 ) ठाकरन गोत्र ( ठिकाना : Aheerwal, Western UP),

62 ) ज़हावत गोत्र.

63 )  निर्बान/निर्वाण गोत्र :   (ठिकाना, Delhi, Aheerwal, Western UP),

64 ) मथुरौट/मधुवंशी गोत्र : ( मथुरौट या मधुवंशी यादवों का एक स्वतंत्र ख़ानदान है जिनका निकास मथुरा से हुआ था। राजा यदु के बाद उनकी परम् कल्याणी राजा मधू हुए थे जिन्होंने यदुवंश की कीर्ति को स्थापित किया। राजा मधु के वंशज ही कालांतर में मधुवंशी कहलाए। ठिकाना : कालांतर में मधुवंशी मथुरा से माइग्रेट कर North Bihar जा बसे ।)

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Vinay Kumar

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