केंद्र की बीजेपी सरकार की तमाम नीतियों के खिलाफ सेना के 4 लाख कर्मचारी जनवरी माह में तीन दिन की बड़ी हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। इस हड़ताल में 41 हथियार निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों के कर्मचारी, नेवल डॉक्स के कर्मचारी, वायुसेना वर्कशॉप के कर्मचारी सहित तमाम निर्माण कंपनियों के कर्मचारी हिस्सा लेंगे। सेना के ये तमाम कर्मचारी 23 जनवरी से 25 जनवरी तक हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन तमाम कर्मचारियों ने मंगलवार को दोपहर का खाना नहीं खाया।
श्रीकुमार ने बताया कि जब उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो हड़ताल ही कर्मचारियों के पास आखिरी विकल्प बचता है। संगठन के एक अन्य नेता ने कहा कि सेना के भीतर अपनी अहम भूमिका को समझते हैं। लेकिन जब सरकार हमारी नौकरी छीन रही है और मुख्य क्षेत्रों की कमान प्राइवेट कंपनियों को दे रही है तो हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। सेना के एक ब्रिगेडियर ने कहा कि पिछले काफी समय से हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों की क्षमता कम हुई है, पिछले कुछ समय में इनकी गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं एक मार्शल का कहना है कि सरकार को इतनी जल्दी नतीजों का इंतजार नहीं करना चाहिए, और ना ही इसे चुनावी मुद्दा बनाने चाहिए।