लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज अब कहने भर को रह गया है। वैसे वास्तविकता यह है कि यहां कोई कानून ही नहीं चल रहा है। लोग डरे हुए हैं। अयोध्या में जो हालात बन रहे हैं उससे पूरे प्रदेश में दहशत है। लोग तमाम आशंकाओं से ग्रस्त हैं और अफवाहें तेजी से चल रही हैं। जनता की परेशानी यह है कि अयोध्या में जिन तत्वों का जमावड़ा हो रहा है उनको भाजपा की ओर से, जिसकी केन्द्र और राज्य दोनों में सरकारे हैं, प्रोत्साहन मिल रहा है। भाजपा अपनी विफलता छुपाने के लिए भी अयोध्या का मुद्दा उठाने से बाज नहीं आयेगी।
“सच तो यह है कि भाजपा को न तो संविधान पर भरोसा है और नही माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर। अयोध्या में जानमाल की भारी क्षति होने का अंदेशा है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रति अवमानना प्रदर्शित की जा रही है। अयोध्या में बाहर से भारी संख्या में लोग बुलाए गए हैं। भाजपा-शिवसेना नेता उत्तेजक भाषण एवं बयान दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसी अनहोनी को टालने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को स्थिति का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। शांति व्यवस्था बनाए रखने के काम में सेना का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।”
“भाजपा सरकारें विकास के कामों में रूचि नहीं लेती हैं। वे समाज में नफ़रत फैलाने और उसको बांटने के काम में ज्यादा सक्रिय हैं। भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कानून व्यवस्था बिगाड़ना और सामाजिक सद्भाव को तोड़ना। समाज और राज्य की जनता के लिए भाजपा की नीतियां खतरनाक हैं। भाजपा की राज्य सरकार ने 20 महीनें में ही इतना डरा दिया है कि लोग अवसाद में हैं। जनता को भरोसा नहीं कि भाजपा के लोग कब क्या कर बैठेंगे?”
“आज अयोध्या की स्थिति गंभीर है। स्थानीय निवासी आतंकित और आक्रोशित हैं। उन्हें अपने घरों में कैद कर दिया गया है। बाहरी लोगों के बढ़ते हूजूम के कारण हर तरफ उत्तेजना और संशय का वातावरण व्याप्त है। भाजपा का इतिहास पहले भी वहां छल और धोखे का रहा है। इसलिए प्रबुद्ध समाज और शासन के शीर्ष अधिकारियों को सतर्क और सजग रहकर हस्तक्षेप करना चाहिए।”