समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार इन दिनों ऐसे अव्यवहारिक निर्णय कर रही है जिनसे जनता को दुःख और पीड़ा मिले। जनसामान्य परेशान हो। यह क्रम केन्द्र से लेकर राज्य तक में चल रहा है। केन्द्र सरकार के नए ट्रैफिक नियमों का राज्यों में विरोध शुरू हो गया है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा की इसरों के चंद्रयान अभियान की असफलता का दण्ड उनके वैज्ञानिकों को दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में आज से बिजली की दरों में 12 प्रतिशत तक की वृद्धि करके जनता पर भारी चोट की गई है।
भाजपा शासित राज्यों द्वारा चालान के नए नियमों को न मानना दर्शाता है कि ये सच में कितने जनविरोधी एवं दमनकारी है। तभी तो उन राज्यों की इतनी हिम्मत हुई है कि वो ‘सख्त फैसले‘ लेने वाले तथा कथित ‘निर्णायक नेतृत्व‘ को चुनौती दे सकें। ये भाजपा में ‘अतिकेन्द्रीकरण‘ के विरोध की शुरूआत है।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा की इसरों के वैज्ञानिकों के वेतन में बढ़ोत्तरी को काटना उनका मनोबल तोड़ने वाला काम है। जब सारा देश उनके साथ खड़ा है तो सरकार को भी दिखावा छोड़कर वैज्ञानिकों को सच में गले लगाना चाहिए। उनका वेतन काटकर हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। सरकार के इस कृत्य से हर देशभक्त दुःखी है।
भाजपा सरकार में मंहगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ी है। डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस के दाम तो बढ़े ही अब उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों में 12 फीसद से ज्यादा वृद्धि के अलावा ट्रैफिक सुधार के नाम पर भारी जुर्माना वसूली शुरू कर दी गई है। बिना मीटर ग्रामीण कनेक्शन में 25 प्रतिशत, किसानों के लिए 14 प्रतिशत और शहरी घरेलू दरों में 15 फीसद की बढ़ोत्तरी उपभोक्ता की घरेलू अर्थव्यवस्था को अस्तव्यस्त करने की सोची समझी साजिश है। बिजली मंहगी करके सामान्य परिवारों के ऊपर भारी बोझ लादा जा रहा है। व्यापारी और दुकानदार नोटबंदी और जीएसटी से पहले से परेशान हैं अब उनकी परेशानी और बढ़ जाएगी।