समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के जो कदम उठाए थे, भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने पर पानी फेरना शुरू कर दिया। आज उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सबसे ज्यादा बदहाल हैं। अस्पतालों में डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं। सरकारी व्यवस्था से असंतुष्ट विशेषज्ञ डाक्टर इस्तीफे देकर अन्यत्र जा रहे हैं।
लगातार बारिश होने से डेंगू बुखार और दूसरी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। हजारों लोग बीमारियों के शिकार हैं। अस्पतालों की स्थिति इतनी खराब है कि न किसी को दवा मिल रही है, न जांच हो रही है।
इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने कहा कि घायलों और बीमारों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए समाजवादी 108 एम्बुलेंस सेवा, प्रसूताओं और नवजात शिशुओं को अस्पताल तक लाने और घर तक ले जाने के लिए 102 नम्बर एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी, वह खस्ताहाल हो गयी है। हालत यह है कि प्रसूताओं को अस्पताल तक रिक्शा, ढेलिया या बाइक से लाया जाता है, उन्हें समय से इलाज नहीं मिल रहा है। डाक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ कर्मियों की संवेदनहीनता से तो कई बार जच्चा-बच्चा की जान तक चली गई है।
उन्होंने बताया की समाजवादी सरकार ने एक रूपये के पर्चे पर मुफ्त इलाज, मुफ्त दवाई की व्यवस्था की थी। यहां तक कि गंभीर रोगों दिल, किडनी, लीवर, कैंसर तक के मुफ्त इलाज का इंतजाम किया गया था। लखनऊ में कैंसर अस्पताल भी समाजवादी सरकार में बनाया गया। आज भाजपा सरकार के तमाम दावों के बावजूद आयुष्मान योजना भी फ्लाप साबित हो रही है। सरकारी अस्पतालों में मंहगे उपकरण धूल खा रहे हैं।
सच तो यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के सम्बंध में भाजपा सरकार की न तो कोई सोच है और न ही कोई योजना है। ढाई साल बीत गए लेकिन इस सरकार ने एक भी नया मेडिकल कालेज नहीं बनाया। ट्रामासेंटरों में अव्यवस्था के साथ अराजकता भी है। अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार पर किसी का ध्यान नहीं है। अपनी अक्षम्य लापरवाही के चलते भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू प्रदेश‘ बना दिया है।