भारत में कोरोना वायरस लड़ने के लिए मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला लिया। इस लॉकडाउन ने पुरे भारत की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। जिससे भारत के सभी राज्य प्रभवित हुए है। सभी राज्यों की भी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है। ऐसे सभी राज्य इस विकत परिस्थिति से निकलने के लिए प्रयास कर रही है। उद्योग धंधों को इससे उबारने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले तीन सालों तक श्रम कानूनों (Labour Laws) में छूट देने का फैसला किया है
ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और UP की अर्थव्यवस्था सही करने और पटरी पर फिर से दौड़ने के लिए श्रम कानून में बदलाव किया है। इस तरह का बदलाव उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य राज्य भी अपने हिसाब से अलग अलग बदलाव किये है।
आईये जानते है उत्तर प्रदेश के श्रम कानून में क्या क्या बदलाव हुए है।
UP सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कारखाना अधिनियम 1948 के अंर्तगत आने वाले रजिस्ट्रीकृत सारे कारखाने धारा 51, 54, 55, 56, और धारा 59 के तहत कर्मचारियों के लिए साप्ताहिक, घंटों, दैनिक घंटों, अतिकाल, और विश्राम आदि से संबंधित विभिन्न नियमों से 19 जुलाई 2020 तक के लिए छूट के लिए छूट के लिए प्राप्त होंगे।
जारी आदेश के मुताबिक कोई कर्मचारी किसी भी कारखाने में प्रति दिन 12 घंटे और सप्ताह में 72 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा। पहले यह अवधि दिन में 8 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे थी।
12 घंटे की शिफ्ट के दौरान 6 घंटे के बाद 30 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा।
12घंटे की शिफ्ट करने वाले कर्मचारी की मजदूरी दरों के अनुपात में होगी यानी अगर किसी मजदूर की आठ घंटे की 80 रुपये है तो उसे 12 घंटे के 120 रुपये दिए जाएंगे। आपको बता दें कि पहले ओवर टाइम करने पर प्रतिघंटे सैलरी के हिसाब से दोगुनी सैलरी मिलती थी।