हाल ही में चुनाव समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र में राजनीती अपने चरम सीमा पर है। हम आप को बता दे की महाराष्ट्र में पुणे के एक बैंक ने 70 लाख रुपये के लोन की कथित रूप से अदायगी नहीं करने को लेकर राकांपा (NCP) के नवनिर्वाचित विधायक धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) के फ्लैट को ‘सांकेतिक रूप से कब्जे में’ ले लिया है।
बता दे की राकांपा नेता ने अपनी चचेरी बहन भाजपा की पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) को हाल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीड जिले की परली सीट से हराया था. शिवाजीराव भोसले कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड ने चुनाव परिणाम घोषित होने के अगले दिन 25 अक्टूबर को एक अखबार में इस फ्लैट के संबंध में इश्तिहार/नोटिस प्रकाशित किया था। इस बैंक का मुख्यालय पुणे में है. नोटिस में कहा गया था, ‘‘चूंकि प्रतिवादी ऋण की राशि चुकाने में विफल रहे हैं तो बैंक ने इस संपत्ति को सांकेतिक रूप से कब्जे में ले लिया है। ”
हम आप को बता दे की सांकेतिक कब्जे के तहत दरअसल संपत्ति संबंधित मालिक के कब्जे में ही रहती है। संबंधित फ्लैट यहां शिवाजीनगर की मॉडल कॉलोनी की ‘युगाई ग्रीन्स’ परियोजना में है। बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि यदि उधारकर्ता बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहता है तो बैंक उस संपत्ति को वास्तविक रूप से कब्जे में लेने के लिए जिलाधिकारी को एक प्रस्ताव भेजेगा।
इस बैंक के कामकाज में गंभीर अनियमितताओं को लेकर इसी माह के प्रारंभ में रिजर्व बैंक ने इसके बोर्ड को भंग कर दिया था और उसने इस बैंक को चलाने के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया था। इस बैंक के प्रवर्तक राकांपा के विधान परिषद सदस्य अनिल शिवाजीराव भोसले रहे हैं। मुंडे ने कहा कि उन्होंने बैंक से कहा था कि चुनाव के बाद वह मामले का निपटारा कर देंगे और अब वह अपने अगले कदम पर मंगलवार को निर्णय लेंगे।