भोपाल: मध्यप्रदेश में चुनाव के नतीजे सामने आने में बस कुछ ही दिनों का समय बाकी है। इन चुनावों में समाजवादी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) की एंट्री ने कई सीटों को त्रिकोणीय बना दिया। महाकौशल में कौशल दिखाने वाली पार्टी ही अक्सर प्रदेश में सत्ता पर काबिज होती है। इस इलाके में सपा और जीजीपी का शुरुआत से ही असर देखा गया है। इस बार सपा और जीजीपी के तीनों धड़ों ने एक साथ मीलकर चुनाव लड़ा है। अब परिणाम के पहले ये समीकरण दूसरी पार्टियों की धड़कनें बढ़ा रही हैं।
इन चुनावों में जीजीपी ने एकजुट होकर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके 76 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। 2013 विधानसभा चुनाव में जब जीजीपी तीन टुकड़ों में टूट गई थी तब इसका मत प्रतिशत 1 फीसदी हो गया था।
एकता की ताकत को समझते हुए इस बार तीनों धड़ों ने एक होकर समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है। समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने के पीछे पार्टी का उद्देश्य जनजाति मतदाताओं के अतिरिक्त वोट हासिल करना माना जा रहा है। जीजीपी इस बार के चुनाव में अपनी खोई साख वापस पाने के लिए पूरी ताकत झोंकी है।