BJP मतलब की “विज्ञापन जनता पार्टी” क्यों ?

BJP मतलब की "विज्ञापन जनता पार्टी"!

बीजेपी का पूरा नाम “विज्ञापन जनता पार्टी” होना चाहिए। आरे ग़ुस्सा न करे ये मै नहीं बल्कि ये NDTV के एंकर रविश कुमार का कहना है। दरअसल ये बात उन्होंने अपनी ब्लॉग में लिखा की बीजेपी का पूरा नाम “विज्ञापन जनता पार्टी” होना चहिये।

वो अपने ब्लाग में लिखा है की ” मुंबई गया था तो शहर में नेटफ्लिक्स के ही होर्डिंग नज़र आ रहे थे। दिल्ली में ही मिर्जापुर के बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुए हैं। इन्हें देखकर लगा कि विज्ञापन की नज़र से इस वक़्त नेटफ्लिक्स ही नेटफ्लिक्स है। पता चलता है कि कोई नया ज़माना आ रहा है और लोग चैनल छोड़ नेटफ्लिक्स देखने लग गए हैं। मगर जब टीवी के विज्ञापनों का डेटा आया तो पता चल रहा है वास्तविकताएं कितनी आनुपातिक होती हैं। ”

इसके अलावा उन्होंने लिखा की ” टीवी पर सबसे अधिक बार विज्ञापन भाजपा का चलता है। 12-16 नंवबर के बीच भाजपा के विज्ञापन 22,099 बार चले हैं। नेटफ्लिक्स के विज्ञापन दूसरे नंबर पर हैं. 12,951 बार चले हैं। भाजपा का विज्ञापन नेटफ्लिक्स से 10,000 अधिक है। इसके पहले के हफ़्ते में भाजपा दूसरे नंबर पर थी. पहले दस में कांग्रेस नहीं है। टीवी रेटिंग करने वाली कंपनी बार्क हर हफ़्ते इस तरह के आंकड़े जारी करती है। ”

रविश कुमार जी आगे लिखते है की ” विज्ञापनों के लिहाज़ से बीजेपी ने सबको पीछे छोड़ दिया है। आप एक दर्शक के नाते हर तरफ़ बीजेपी ही देखते हैं। गोदी मीडिया का डिबेट और उसका मुद्दा भी बीजेपी के रंग में रंगा रहता है। उसी की तरफ़ झुका रहता है। ये आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी कितनी बड़ी विज्ञापनदाता है। चुनावी राज्यों के शहरों में आचार संहिता से पहले कितना विज्ञापन छपा होगा. छपने वाले विज्ञापनों का ऐसा आंकड़ा तो आता नहीं है। बाक़ी चार साल में और चुनावी साल में सरकारी विज्ञापनों की संख्या का भी अनुपात देखना चाहिए। आचार संहिता के बाद भी छपने वाले विज्ञापनों का अध्ययन आना चाहिए। सोचिए जिस पार्टी के पास कार्यकर्ताओं की फ़ौज है, संघ के कार्यकर्ता हैं, नेताओं की कमी नहीं। जो ख़ुद को दुनिया की नंबर वन पार्टी कहती है वह टीवी विज्ञापनों के लिहाज़ से भी नंबर वन है। पार्टी के पास पैसे की कमी नहीं है। ज़िले ज़िले में बीजेपी के नए-नए दफ्तर बन रहे हैं। बहुत जगहों पर बन गए हैं। उनकी तस्वीरें देखने लायक हैं। “

Spread the love
Vinay Kumar: