समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की एकजुटता से देश में गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों में अपने सम्मान की रक्षा का नया विश्वास पैदा हुआ है और वे अब पूरी मजबूती के साथ भाजपा की पराजय के लिए कटिबद्ध हो गए हैं। राजनीति को मिली इस नई दिशा से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी चुनाव के पूर्व ही हिम्मत हार बैठे हैं।
भाजपा के बूथ कार्यकर्ता अब कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ हुआ चकनाचूर‘। ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता और कार्यकर्ता अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अब नया ठौर-ठिकाना खोजने में ही अपनी खैर समझते हैं। अब भाजपा के पन्ना प्रभारी बेचैन हैं, और सत्ता परिवर्तन के डर से भयभीत हैं।
पौने पांच वर्षों में जनता ने भाजपा से तौबा कर ली है। न सिर्फ किसानों बल्कि अपने कार्यकाल में भाजपा सरकार ने बेरोजगारी, मंहगाई बढ़ाने और नोटबंदी-जीएसटी जैसी योजनाओं से लोगों को त्रस्त और पस्त करने का काम किया है। समाजवादी पार्टी की सरकार में ग्राम और नगरीय विकास के साथ अवस्थापना सुविधाओं का भी विस्तार किया गया था। जनता को तब सुशासन का असली स्वरूप देखने को मिला था। जनता ने भी अब बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा को हराने और गठबंधन को जिताने का मन बना लिया है।
भाजपा ने सामाजिक सद्भाव को न सिर्फ आहत किया है बल्कि समाज में दूरी पैदा करने और नफरत का जहर बोने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा ने दस प्रतिशत कारपोरेट समाज को ही समृद्ध और शक्तिवान बनाकर शेष भारत के भविष्य को अंधकारमय बनाया है। भाजपा ने लोकतंत्र को जितनी चोट पहुंचायी है, जनता उतना ही चुन-चुन कर उससे हिसाब करेगी।