नई दिल्ली: मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक में टकराव के बीच गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे में कहा, ‘मैंने निजी कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। पिछले कई वर्षों से भारतीय रिजर्व बैंक के कई पदों पर रहना मेरे लिए सम्मान की बात रही। पिछले कुछ वर्षों में रिजर्व बैंक के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और सहयोग बेहद अहम रहा। मैं इस मौके पर अपने सहयोगियों और रिजर्व बैंक के डायरेक्टर्स का आभार व्यक्त करता हूं और भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’
विपक्ष ने मोदी सरकार को जमकर घेरा है। पार्टीयों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दबाव में उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया है।
राहुल गांधी ने कहा, ‘कि आरएसएस और बीजेपी का अजेंडा आगे बढ़ रहा है। मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक की आजादी पर हमला किया, जिसका नतीजा हुआ कि उसके गवर्नर उर्जित पटेल को इस्तीफा देना पड़ गया। हमारे देश को ऐसी सरकार चाहिए जो लोगों के संसाधनों को न लूटे। ऐसी सरकार जो बैंकिंग सिस्टम को एनपीए में फंसा कर क्रोनी पूंजीवाद को बढ़ावा न दे। राफेल जैसे घोटालों पर पर्दा न डाला जाए और ऐसा भी न हो कि बैंक का पैसा लेकर डिफॉल्टर देश छोड़कर भाग जाएं।
अहमद पटेल ने कहा, ‘जिस तरह आरबीआई के गवर्नर को इस्तीफा देने के लिए फोर्स किया गया। वो भारत की मौद्रिक और बैंकिंग सिस्टम में दाग है। बीजेपी सरकार ने वित्तीय आपातकाल को उजागर किया है। अब देश की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता दांव पर है। पिछले 70 वर्षों में जिन संस्थाओं को बेहद सावधानी से बनाया और स्थापित किया गया, उनको अब अपंग बनाया जा रहा है।’
अशोक गहलोत ने कहा कि आरबीआई गवर्नर का इस्तीफा दर्शाता है कि मोदी सरकार कैसे एक और संस्थान को पूरी तरह बर्बाद कर रही है। आरबीआई में सरकार के ज्यादा दखल देश की अर्थव्यवस्था के हित में नहीं है।