लखनऊ: भगवान श्रीराम और शिव के बाद अब हनुमान के नाम पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता दोपहर करीब दो बजे प्राचीन हनुमान मंदिर में पहुंचे। वहां उन्होंने जनेऊ धारण किया और हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए ‘दलित देवता हनुमान की जय’ के नारे लगाए। यह कार्यक्रम करीब आधे घंटे तक चला। कार्यक्रम में महिलाएं भी शामिल रहीं।
राजस्थान में चुनावी सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिए गए बयान पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है की वंही गुरुवार को कांग्रेस नेता अमित सिंह के नेतृत्व में दलित समाज के लोगों ने जनेऊ धारण कर प्राचीन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। उन्होंने कहा कि अब देश भर के हनुमान मंदिरों की व्यवस्था दलित समाज करेगा। और अब दलित समाज अपने दलित देवता हनुमान जी की पूजा पाठ खुद करेगा जंहा भी हनुमान मंदिर होगा वंहा पर केवल दलित समाज के लोग होंगे।
योगी के बयान पर तंज करते हुए में कांग्रेस नेता अमित सिंह ने कहा कि हमें नहीं पता था कि हनुमान जी दलित जाति से संबंध रखते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में हनुमानजी की जाति के बारे में बताया है। तब हमें पता चला है कि दलितों के भगवान अलग हैं और उनके देश भर में मंदिर भी हैं।लिहाजा अब देश भर के हनुमान मंदिरों की व्यवस्था, पूजा पाठ का काम दलितों के हाथ में दिया जाना चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि देवी देवताओं की जाति नहीं होती है तो अमित सिंह ने कहा कि हमने कब कहा इनकी जाति होती है? यह तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है। वे तो योगी हैं। जब योगी जी कह रहे हैं तो सही होगा कि देवताओं की भी जाति होती है और हनुमान जी वनवासी, दलित जाति से संबंधित हैं। तो अब हनुमान मंदिरों की व्यवस्था धोबी, कठेरिया, कोली, खटीक, वाल्मीकि समाज के लोग देखेंगे।