न्याय योजना के अंतर्गत जिस व्यक्ति की आय 12000 से कम होगी उसे इस योजना का लाभ मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति 8000 प्रतिमहीना कमाता है तो उसे सिर्फ 4000 प्रतिमाह ही मिलेगा।
यदि व्यक्ति 6000 या इससे कम कमाता है तो उसे अधिकतम 6000 की राशि प्रदान की जाएगी। यदि व्यक्ति की कोई आय नही है तो उसे 6000 प्रतिमाह दिया जाएगा
विशेषज्ञों का मानना है यदि “न्याय” योजना लागू हुई तो इससे राजकोष प्रभावित होगा साथ ही महंगाई भी बढ़ सकती है।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सत्ता में आने पर देश के 25 करोड़ गरीबों को देंगे 72000रुपये सालाना।इस योजना में लगभग 3.6 लाख करोड़ का खर्च आने का अनुमान विशेषज्ञों द्वारा लगाया गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार का कुल बजट लगभग 28 लाख करोड़ का है। अगर नई सरकार जुलाई में बिना कटौती किये “न्याय” योजना के लिए बजट की धनराशि आवंटित करती है तो बजट बढ़कर लगभग 32 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।
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वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका पांडेय राजकोषीय घाटा लगभग 10 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा । और उन्होंने कहा की राजकोषीय संतुलन बिगड़ने से महंगाई बढ़ सकती है।
ऐसे में आरबीआई महंगाई को काबू में रखने के लिए ब्याज दरों में भी वृद्धि कर सकती है जिसका देश के विकास दर पर उल्टा असर भी पड़ सकता है।