HAL यानी की हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बुधवार को दिल्ली में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में संस्था को आर्थिक तंगी की दौर से निकलने पर चर्चा हुई। हम आप को बता दे की एचएएल इस समय इतने मुश्किल दौर से गुजर रहा है कि उसे अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए बैंक से 1000 करोड़ रुपये का कर्जा लेना पड़ा है। राफेल सौदे से अलग थलग पड़ने का मलाल भी इसके कर्मचारियों को है। कर्ज लेने की जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि तकरीबन 16000 करोड़ का बकाया वायु सेना ने अब तक नहीं चुकाया। एचएएल के कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं।
पिछले 75 सालों में 4000 के आसपास जहाज़ और हेलीकॉप्टर एचएएल ने बनाए हैं। इनमें जगुआर हॉक और मिराज जैसे बड़े लड़ाकू जहाज़ शामिल हैं। इसके बावजूद राफ़ेल का ठेका नहीं मिलने का मलाल भी एचएएल को है।
एचएएल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आर श्रीनिवासन का कहना है कि “पहले सब ठीक था लेकिन पिछले तीन महीनों से हमारी परेशानी शुरू हुई। हमने रक्षा मंत्रालय की सभी अपेक्षाओं को पूरी किया है। वायुसेना अध्यक्ष ने भी हमारी क्षमताओं को सराहा लेकिन अचानक हमारी क्षमताओं पर सवाल उठाया गया। हम बता दें कि हमारी क्षमता किसी भी तरह के जहाज बनाने की है। “