देश में मंदी का असर भले ही सरकार न माने लेकिन इस खबर से ये अनुमान लगाया जा सकता है। हम आप को बता दे की अपने कर्मचारियों को हर साल दिवाली पर कार और फ्लैट जैसे महंग गिफ्ट देने वाले मशहूर डायमंड कारोबारी सवाजी ढोलकिया भी सुस्त अर्थव्यवस्था की मार झेल रहे हैं।
उन्होंने फैसला किया है कि वह इस बार अपने कर्मचारियों को महंगे गिफ्ट नहीं देंगे। सुस्त अर्थव्यस्था का असर डायमंड सिटी सूरत के पांच लाख कर्मचारियों पर साफ दिख रहा है। श्री हरि कृष्ण एक्सपोर्ट के चेयरमैन सावजी ढोलकिया ने कहा है कि इस बार कर्मचारियों को गिफ्ट (बोनस) नहीं दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ‘यह मंदी 2008 से भी बुरी है। पूरी डायमंड इंडस्ट्री ही सुस्ती की मार झेल रही है, ऐसे में हम कैसे गिफ्ट दे सकते हैं? मुझे उनकी आजीविका की ज्यादा चिंता है। पिछले सात महीनों के दौरान 40 हजारा से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी छोड़नी पड़ी है। यही नहीं जो मौजूदा हालात में काम कर रह रहे हैं उनकी सैलरी में 40 फीसदी की बढ़ कटौती की गई है। देश मंदी के दौर से गुजर रहा है और जो कंपनियां किसी तरह काम कर भी रही हैं तो वह मजबूरी के साथ कर रही है।’
हम आप को बता दे की सूरत डायमंड एसोसिएशन (एसडीए) के अधिकारियों के मुताबिक सूरत में बीते कुछ महीनों में करीब 20 प्रतिशत डायमंड यूनिट में काम ठप पड़ चुका है। इसके पीछे खनन कंपनियों द्वारा मोटे तौर पर रेट में वृद्धि और पोलिश डायमंड के प्राइस में लगातार दर्ज की जा रही गिरावट है।’
हम आप को ये भी बता दे की ढोलकिया पहली बार तब चर्चा में आए थे जब साल 2015 में दिवाली पर उन्होंने अपने 1200 कर्मचारियों को 491 फिएट पंटो कारें, 200 फ्लैट और आभूषण दिए थे। ढोलकिया ने 2000 कर्मचारियों को डॉटसन रेडी-गो, मारूती अल्टो कारें और आभूषण गिफ्ट किए थे। ढोलकिया ने साल 2016 में भी अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस के रूप में कार, फ्लैट और ज्वैलरी दी थी। उनकी कंपनी में 6 हजार से ज्यादा कर्माचारी काम कर रहे हैं। वह डायमंड जूलरी बनाकर विदेश निर्यात भी करते हैं।