भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। शुक्रवार को सामने आए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था में जुलाई से सितंबर के बीच बीते 6 सालों में सबसे धीमे स्तर पर बढोतरी हुई। इस दौरान देश की जीडीपी केवल 4.5 फीसदी रही जोकि पिछली तिमाही के जीडीपी(5 फीसदी) से भी कम है। 2018 में जुलाई-सितंबर के बीच जीडीपी 7 फीसदी थी। हम आप को बता दे की इससे पहले सबसे कम जीडीपी 2013 में जनवरी-मार्च में दर्ज की गई थी। इस दौरान जीडीपी 4.3 फीसदी थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही।
आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यन पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही। इन तीनों समूह के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही। इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगकी सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है। आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा। जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी।
इससे पहले खबर सामने आई थी कि देश में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा है जो आर्थिक नरमी के गहराने की ओर इशारा करता है। इस संबंध में शुक्रवार को सरकार ने आधिकारिक आंकड़े जारी किए। आठ प्रमुख उद्योगों में से छह में अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गयी। देश में कोयला उत्पादन अक्टूबर में 17.6 प्रतिशत, कच्चा तेल उत्पादन 5.1 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 5.7 प्रतिशत गिरा है।