जदयू कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में आरसीपी सिंह ने कहा कि वर्ष 1996 से समता पार्टी के रूप में हमारा भाजपा से एनडीए में गठबंधन है। तब से इस मुद्दे पर जदयू का स्टैंड साफ है।
इस मसले का निपटारा कोर्ट के फैसले के आधार पर हो या फिर आपसी सहमति से। कोई तीसरा रास्ता नहीं हो सकता। यदि इस पर कोई अध्यादेश आता है तो उसे जदयू का समर्थन नहीं मिलेगा।
जदयू महासचिव के बयान को मौजूदा राजनीतिक स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है। राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त के बीच उसके प्रमुख घटक दल जदयू के स्टैंड में उसके लिए नसीहत भी छुपी है कि समाज में सबको और सभी विचारधाराओं को साथ लेकर चलना होगा।
लोकसभा की सीटों के लिहाज से देखें तो महाराष्ट्र के बाद बिहार दूसरा बड़ा राज्य है। यहां लोस की 40 सीटें हैं, जहां जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि एनडीए के लिए काफी मायने रखती है। भाजपा का महाराष्ट्र में शिवसेना जबकि बिहार में जदयू से गठबंधन है।