भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच आर-पार की लड़ाई है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर जहां कांग्रेस अपना 15 सालों का वनवास खत्म करना चाहती है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इस विजयी पताका लहराकर जीत का चौका लगाना चाहती है. हालांकि, दोनों खेमों के नेता यह मान रहे हैं कि इस बार की लड़ाई बराबर की है.
मध्य प्रदेश में बीजेपी के पास पहले से ही शिवराज सिंह चौहान के रूप में मुख्यमंत्री का चेहरा है, मगर कांग्रेस अभी भी यह तय नहीं पाई है कि कमलनाथ या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया में से वह किसे अपना सीएम पद के लिए उम्मीदवार बनाएगी.
इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरा मोह किसी पद के साथ नहीं है. पहले हम राज्य में जीत दर्ज कर लेंगे, फिर राहुल गांधी तय करेंगे कि राज्य में कांग्रेस का सीएम कौन होगा. उन्होंने राज्य में कांग्रेस की पकड़ पर कहा कि इस बार पार्टी में जमीनी एकता है. मध्य प्रदेश चुनव इस बार करो या मरो की लड़ाई है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राहुल गांधी खुद काबिल हैं. मेरी मदद की उन्हें जरूरत नहीं है. मैं दिल्ली या मध्य प्रदेश में कहीं भी जिम्मेदारी निभाने को तैयार हूं. टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस खेमे में नाराजगी की खबरों पर उन्होंने कहा कि इस बार टिकट बंटवारा बहुत ही सटीक तरीके से हुआ है.