CAA और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई पत्थरबाजी और पुलिस की कार्रवाई के कई वीडियो सामने आ रहे हैं। इन वीडियो को देखने के बाद पुलिस सवालों के घेरे में है। पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों को हिंदुस्तान में न रहने देने की धमकी दी जा रही है।
जहाँ एक वीडियो में मेरठ के एसपी सिटी धमकी दे रहे हैं तो दूसरा वीडियो कानपुर के बाबू पुरवा इलाके का है। इस जिसमें पुलिसकर्मी प्रदर्शनकर्मियों के लिए भद्दी भाषा और गालियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वीडियो में पुलिसकर्मी लगातार फ़ायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर से भी लोग पुलिस को ओर पत्थर भी फेंक रहे हैं। आपको बता दें कि 20 दिसंबर को शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी जिसमें कई लोग घायल हुए थे।
इतना ही नहीं बुलंदशहर में 20 दिसंबर को हुई हिंसा और आगजनी के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ था। इसके बाद कल मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कल की जुमे की नमाज के बाद ज़िला प्रशासन को सार्वजनिक संपत्ति क्षतिपूर्ति के तौर पर छह लाख 27 हजार पांच सौ सात रुपये का ड्राफ़्ट दिया। मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने डीएम और एसएसपी से मुलाक़ात की और उन्हें ड्राफ़्ट सौंपा। इसके अलावा इन लोगों ने ज़िला प्रशासन के अधिकारियों को गुलाब के फूल भी दिए।
हम आप को बता दे की गाज़ियाबाद ज़िले में एक सर्कल अफ़सर राजकुमार पाण्डेय का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह बुज़ुर्गों से सवाल कर रहे हैं कि वो अपने बच्चों को बस में क्यों नहीं रख पा रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं, ‘ये लोनी आपकी थी, आप कहते हो न…जिन बच्चों को आपने पाला, बड़ा किया, पढ़ाया रोज़गार दिया… वो आपके कैसे नहीं थे..उन्होंने आपकी बात कैसे नहीं सुनी? वो आपके बस में कैसे नहीं थे?