कर्नाटक (Karnataka) का मुख्यमंत्री बनने की येदियुरप्पा की महत्वाकांक्षा आखिरकार पूरी होने के प्रबल आसार अब बन ही गए. एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) की 14 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस (Congress-JDS) सरकार के गिरने के साथ बीजेपी (BJP) ने अपनी सरकार के गठन का रास्ता बना लिया. माना जाता है कि बीजेपी हाईकमान फिलहाल कर्नाटक सरकार को गिराने के लिए जिम्मेदार नहीं बनना चाहता था. बीजेपी चाहती थी कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार खुद ही गिर जाए, बीजेपी के हाथ साफ रहें, लेकिन बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) की अभिलाषा के चलते सारे दांव-पेंच अपनाए गए और अंतत: कुमार स्वामी सरकार गिर गई.
कर्नाटक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मतदान कराया गया जिसमें सरकार के समर्थन में 99 वोट और विरोध में 105 वोट डाले गए. कुमारस्वामी सरकार अपना विश्वास मत साबित करने में असफल रही. इसके बाद एचडी कुमारस्वामी ने राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. उनके इस्तीफे के बाद कर्नाटक के गवर्नर वजुभाई वाला बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार के गठन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.
कर्नाटक में पिछले करीब एक माह से जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बीजेपी अपने रुख से यही प्रदर्शित कर रही थी कि जेडीएस-कांग्रेस सरकार को वह गिराना नहीं चाहती, यह सरकार खुद-ब-खुद गिरने वाली है. शायद बीजेपी को लग रहा था कि सरकार के गिरने पर राष्ट्रपति शासन लगाकर इसी साल के अंत में चुनाव कराने पर वह सत्ता हासिल कर सकती है. उसे इससे लोकसभा चुनाव की तरह जीत हासिल होने की आशा थी. उसे यह भी लग रही था कि पूर्ण बहुमत से आने पर उसकी कर्नाटक में पांच साल तक स्थिर सरकार बनी रहेगी.