लोकसभा चुनाव नजदीक सियासी माहौल गरमाया,जन प्रतिनिधि थाम सकते है बसपा का दामन

लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। सभी दलों ने चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज करते हुए अपने नेताओं की फौज को मैदान में उतार दिया है।

लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलने की शुरुआत हो चुकी है। यह शुरुआत हुई है पूर्व विधायक रुचिवीरा से, जिन्होंने सपा की साइकिल से उतरकर बसपा का दामन थाम लिया है। उन्हें बिजनौर से बसपा का लोकसभा उम्मीदवार माना जा रहा है।

इनके अलावा दूसरे दलों के भी पूर्व विधायक और संगठन के अहम पदाधिकारी बसपा हाईकमान के संपर्क में हैं और वह बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के लिए तैयार हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में कद्दावर नेता बसपा हाईकमान के संपर्क में हैं। जिनके सियासी कद को तौलने में बसपा के कोआर्डिनेटर लगे हुए हैं।

अब आने वाले दिनों में कुछ और नेताओं के भी बसपा में आने की संभावना है। बसपा के वरिष्ठ सूत्रों की मानें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दूसरे दलों के करीब दो दर्जन से अधिक नेता बसपा हाईकमान के संपर्क में हैं,।

जिनमें भाजपा के तीन विधायक और दो सांसद भी शामिल हैं। लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए यह जनप्रतिनिधि बसपा का दामन थाम सकते हैं।

नए साल के प्रारम्भ से ही बसपा द्वारा इन नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करानी प्रारम्भ की जाएगी। संभव है कि बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन के अवसर पर कुछ बड़े नेताओं  द्वारा बसपा की सदस्यता ग्रहण की जाए।

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आर.एस कुशवाहा ने कहा कि अभी नाम बताना सही नहीं

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आर.एस कुशवाहा ने कहा कि बसपा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है। सभी को विश्वास है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ही देश की अगली प्रधानमंत्री बनेंगी।

अनेक दलों के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ लोग बसपा हाईकमान के संपर्क में हैं और शीघ्र ही वह पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। जिनके अभी नाम खोलना उचित नहीं है।

2009 में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी बसपा

बसपा ने भले ही 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में एक भी सीट ना जीती हो लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर बसपा उभरी थी।

इस चुनाव में बसपा ने सबसे अधिक 27.20 प्रतिशत मत हासिल कर 20 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी बसपा ने 19.77 प्रतिशत मत हासिल किए थे।

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