नई दिल्ली: मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक में टकराव के बीच गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। विपक्ष ने मोदी सरकार को जमकर घेरा है। पार्टीयों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दबाव में उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने उर्जित पटेल के इस्तीफे को लेकर कहा है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह अप्रत्याशित है। हम इसको लेकर बेहद चिंतित हैं। RBI पब्लिक मनी की संरक्षक है। देश के सभी संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है। यह वित्तीय और आर्थिक आपातकाल है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर उर्जित पटेल पर इस्तीफे के लिए दबाव का आरोप लगाते हुए कहा, ‘आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। क्योंकि उन्होंने मोदी सरकार को आरबीआई के आरक्षित कोष से 3 लाख करोड़ रुपये की लूट नहीं करने दी। अब मोदी सरकार इशारे में काम करने वाला व्यक्ति लाएगी, जो यह लूट करने दे।’
उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे में कहा, ‘मैंने निजी कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। पिछले कई वर्षों से भारतीय रिजर्व बैंक के कई पदों पर रहना मेरे लिए सम्मान की बात रही। पिछले कुछ वर्षों में रिजर्व बैंक के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और सहयोग बेहद अहम रहा। मैं इस मौके पर अपने सहयोगियों और रिजर्व बैंक के डायरेक्टर्स का आभार व्यक्त करता हूं और भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’