लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हनुमान जी को ‘दलित’ समुदाय का बताने के बाद अब छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान जी को अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) समुदाय का बताया है।
नंद कुमार साय गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। यहां उन्होंने योगी के बयान का खंडन करते हुए कहा कि नुमान का गोत्र भी आदिवासियों के गोत्र से मिलता है। नंद कुमार ने कहा कि हनुमान जी अनुसूचित जनजातियों की तरह ही जंगलों में रहते थे, इसलिए हनुमान जी अनुसूचित जनजाति के थे। नंद कुमार ने कहा कि ‘हनुमान’ अनुसूचित जनजाति में हनुमान एक गोत्र होता है। कई जगह गिद्ध गोत्र भी है। जैसे तिग्गा है। तिग्गा कुड़ुक में है। तिग्गा का मतलब बंदर होता है।
उन्होंने कहा कि जिस दंडकारण्य में भगवान राम ने सेना बनाई थी उसमें ये जनजाति के लोग आते हैं। इसलिए हनुमान दलित नहीं, जनजाति के हैं। साय ने आगे कहा कि कौन जनजाति किस वर्ग से है, यह निर्णय करने का अधिकार केवल जनजाति आयोग के पास है।किसी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के पास भी नहीं है।
योगी के इस बयान पर राजस्थान ब्राह्मण सभा ने नाराजगी जाहिर की। ब्राह्मण सभा ने सीएम योगी पर हनुमान को जातियों में बांटने का आरोप लगाया और उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा है।