आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दिया
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से सोमवार को इस्तीफ दे दिया है। सरकार के विवाद के बाद उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। पटेल से पहले रघुराम राजन ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।
उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म होने वाले था, लेकिन उन्होंने 9 महीने ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उर्जित पटेल सितंबर 2016 में आरबीआई के गवर्नर बने थे।
पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि रिजर्व बैंक में काम करके अच्छा लगा। पटेल के कार्यकाल में ही नोटबंदी हुई थी।दो दिन पहले सरकार और उर्जित पटेल के विवाद के बाद आरबीआई ने बैठक भी बुलाई थी। इसमें कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से सरकार और आरबीआई के बीच विवाद चल रहा था, जिसके चलते गवर्नर को बार-बार सरकार को जवाब देना पड़ रहा था।
पटेल के इस कदम से आरबीआई की स्वायत्ता पर असर पड़ने की संभावना है, क्योंकि सरकार के पास एक तरह से केंद्रीय बैंक का पूरा नियंत्रण चला जाएगा। जिन कारणों से उर्जित पटेल को गवर्नर पद से इस्तीफा देना पड़ा उनमें सरकार द्वारा सेक्शन 7 का इस्तेमाल करने की बात कहना और छोटे उद्योगों के लिए लोन आसान बनाना, कर्ज और फंड की समस्या से जूझ रहे 11 सरकारी बैंकों को कर्ज देने से रोकने पर राहत और शैडो लेंडर्स को ज्यादा लिक्विडिटी देना शामिल है।
विवाद की वजह क्या थी ?
सरकार और RBI के बीच सबसे बडा विवाद इस पर था किं RBI ने 12 बैंकों को इंस्टेंट ऐक्शन की कैटेगरी में डाला। इससे उनके बैकों के नए लोन देने, नई ब्रांच खोलने और डिविडेंट देने पर प्रतिबंध लग गया ।
सरकार RBI द्वारा व्याज़ दरें न घटाने से नाखुश थी । रिज़र्व बैक इसे अपना सर्वाधिकार मानता है, जिस पर सरकार से तनातनी हुई । डेप्यूटी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा था, ‘बैकों की बैलेंसशीट और न बिगडे, इसलिए रोक ज़रूरी है । ‘ साथ ही, सरकार द्वारा रिज़र्व बैंक के कैश रिज़र्व का कुछ हिस्सा लेने पर असहमतियाँ थीं ।
RBI बोर्ड के सदस्य नचिकेत मीर को कार्यकाल खत्म होने के दो साल पहले ही हटाया जाना RBI के शीर्ष अधिकारियों को नागवार गुज़रा । मीर को उन्हें हटाए जाने की ऑफीशियल जानकारी भी नहीं दी गई थी।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बोला
30 अक्टूबर 201 8 को विरल आचार्य के बयान के सप्ताह के अंदर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देश के बैंकों पर लदे NPA के लिए रिजर्व बैक को जिम्मेदार ठहराया। जेटली ने कहा, ‘2008 सै 2014 तक देश के बैंकों ने खूब कर्ज दिए। RBI ने अपनी भूमिका न निभाते हुए इतना कर्ज देने का प्रॉसेस अनदेखा किया। ‘ जेटली ने यह बयान 31 अक्टूबर को होने वाली फाइनेंशल स्टैविलिटी और डिवेलपमेंट काउंसिल की उस मीटिंग से पहले दिया, जिसमें उन्हें और पटेल, दोनों को हिस्सा लेना था ।