समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सौजन्य से गोमतीनगर लखनऊ के “वेव” में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज छपाक (Chhapaak) फिल्म देखी। इसमें एसिड पीड़ित की त्रासद जिंदगी की रोमांचक प्रस्तुति है। अखिलेश यादव एसिड पीड़िताओं के प्रति पहले भी संवेदनशील रहे हैं। अखिलेश यादव ने इस फिल्म के माध्यम से पुनः उनके प्रति संवेदनशीलता और उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
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अखिलेश यादव ने कहा कि महिलाओं को घर पर, कार्यस्थल पर और सड़क पर सर्वत्र उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। उनका जीवन असुरक्षित रहता है। इसलिए ट्रिपल तलाक से समस्या हल नहीं हो सकती जब तक महिलाओं की ट्रिपल सुरक्षा की व्यवस्था नहीं हो जाती है। हाल में नेशनल क्राइम ब्यूरों (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि राजधानी लखनऊ महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित है। वर्ष 2018 में 2736 अपराध हुए हैं जो ज्यादातर महिलाओं से सम्बन्धित है। भाजपा राज में जब राजधानी का यह हाल है तो पूरे राज्य में क्या होगा?
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा राज में महिलाओं का सम्मान नहीं है। अखिलेश यादव ने महिलाओं को छेड़छाड़ से बचाने के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन की व्यवस्था की थी। अपराध की सूचना पर तत्काल पुलिस पहुंचे इसलिए यूपी डायल 100 नं0 की व्यवस्था की थी। भाजपा ने दोनों व्यवस्थाएं चैपट कर दी। अखिलेश यादव ने आगरा से लखनऊ तक की एसिड पीड़िताओं की मदद की थी। लखनऊ में शीरोज कैफे उन्हीं की देन है जिसे एसिड पीड़िताएं संचालित करती है। भाजपा की तो उस पर कुदृष्टि है। वह उसे बंद कराना चाहती है। अखिलेश यादव एवं डिम्पल यादव पूर्व सांसद ने उनकी मदद करने के लिए स्वयं शीरोज कैफे गये तब जाकर उसे बचाया जा सका।
एसिड हमले की पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी के जीवन पर “छपाक” फिल्म आधारित है। यह फिल्म आशा और अंततः सम्मान के साथ जीवन जीने का संदेश देती है। एसिड पीड़िताओं के जीवन-अस्तित्व की यह “छपाक” फिल्म दर्शकों के मन और चेतना को बार-बार झंकझोरती है।