अफ्रीकी देश घाना के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने छात्रों के विरोध के बाद महात्मा गांधी क्री प्रतिमा को परिसर से हटा दिया है ।
यहां महात्मा गांधी की एक कथित नस्लभेदी टिप्पणी को लेकर काफी समय से विरोध हो रहा था और आखिर में विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रतिमा का हटाना ही पड़ा ।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दोनों देशों के संबंधों के प्रतीक के तौर पर दो साल पहले घाना यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था । हालांकि इसके कुछ महीने बाद ही यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने इसे हटाने के लिए याचिका शुरू की थी। शिकायतें मिल रही थीं कि
अश्वेत अफ्रीकियों क्रो लेकर बापू के बिचार काफी नस्लीय थे । छात्रों ने बताया कि विरोध जोर पकडने पर यूनिवर्सिटी के लोगन कैंपस में बने गांधी की प्रतिमा को मंगलवार देर रात हटा लिया गया ।
अफ्रीकन स्टडीज़ संस्थान मे भाषा और साहित्य बिभाग के प्रमुख ओबदील कांबोन ने कहा कि प्रतिमा को हटाया जाना एक आत्म सम्मान का मुद्दा धा ।
घाना के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसे विश्वविद्यालय द्वारा लिया गया आंतरिक फैसला बताया है ।
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके अहिंसक आंदोलन के लिए जाना जाता है । अफ्रीका में भी उन्हें काफी सम्मान मिलता है।
दक्षिण अफ्रीका में वह 1893 से लेकर 1915 तक रहे और वकील के तौर पर काम किया था।