नई दिल्ली: राफेल डील के मुद्दे पर सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल विमानों की खरीद पर अदालत दखल नहीं दे सकती है। विमानों की खरीद करने के लिए कोर्ट दबाव नहीं बना सकते हैं। पसंद का ऑफसेट पार्टनर चुने जाने में हस्तक्षेप करना कोई कारण नहीं है, और व्यक्तिगत सोच के आधार पर रक्षा खरीद जैसे मामलों में जांच नहीं करवाई जा सकती है।
न्यायाधीश गोगोई ने कहा, “हम सरकार 126 विमान खरीद पर विवाद नहीं कर सकते हैं, और यह सही नहीं होगा कि अदालत हर पहलू की जांच और
कीमत की तुलना करना अदालत का काम नहीं है।”
न्यायाधीश गोगोई ने कहा, “राफेल डील में पसंद का ऑफसेट पार्टनर चुने जाने में हस्तक्षेप करना कोई कारण नहीं है, और व्यक्तिगत सोच के आधार पर रक्षा खरीद जैसे मामलों में जांच नहीं करवाई जा सकती है।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमें कोई सामग्री नहीं मिलती है, जिसके द्वारा कमर्शियल तरीके से किसी विशेष कंपनी को लाभ दिया गया।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रक्रिया पर संदेह करने का अवसर नहीं है। कोई भी देश पूर्ण तैयारी के बिना रहने का खतरा नहीं उठा सकता है। यह अदालत के लिए सही नहीं होगा।”
मुख्य आदेश ने कहा कि “इसमें कोई शक नहीं है विमान हमारी ज़रूरत है और उनकी गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं है। हमें 4th और 5th जनरेशन के विमानों की ज़रूरत है जो हमारे पास नहीं हैं। विमान की निर्णय प्रक्रिया सही है। हम राष्ट्रीय सुरक्षा और संसद के नियम कायदेय को जजमेंट लिखते समय ध्यान में रखना है।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “राफेल में अदालत के हस्तक्षेप की कोई कारण नहीं है।”