नई दिल्ली: भाजपा मुख्यालय में हुई प्रेसवार्ता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब सवाल पूछा गया कि प्रधानमंत्री ने साढ़े चार साल में एक भी प्रेसवार्ता क्यों नहीं की तो सीधा जवाब देने के बजाय टाल-मटोल कर गए। कांग्रेस ने फिर सवाल किया, “क्या मोदी और शाह खुद को जवाबदेही से ऊपर मानते हैं?”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा उठाए गए सवाल ‘मोदी ने अब तक एक भी प्रेसवार्ता क्यों नहीं की।’ इस सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने पहले तो टालने की कोशिश की। उसके बाद कहा कि भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा इसका जवाब देंगे।
जब पत्रकार ने इस बारे में जोर देकर पूछा तो, शाह ने कहा, “जवाब दिया जाएगा। जवाब पार्टी की ओर से दिया जाएगा। आप क्यों चिंता कर रहे हैं ।” इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह ने शाह पर “भारतीय लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता का अपमान करने’ का आरोप लगाया। क्या शाह को लगता है कि देश में लोकतंत्र मर चुका है। प्रधानमंत्री को कानून के शासन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सरकार की विफल नीतियों और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सवाल नहीं किया जा सकता।”
शाह का बयान मीडिया के सवाल पूछने के अधिकार का अपमान है। यह मोदी सरकार के ‘तानाशाही रवये’ को दिखाता है। क्या शाह सोचते हैं कि प्रधानमंत्री को मीडिया को संबोधित नहीं करने के बारे में पूछा जाना मानहानि है। सत्ता का अहंकार इतना ज्यादा हो गया है कि वे अपने आपको लोकतंत्र और भारत के लागों के प्रति जवाबदेही से ऊपर समझने लगे हैं।”