उपेंद्र कुशवाहा छोड़ सकते हैं एनडीए, पीएम मोदी से मुलाकात न होने से खफा

उपेंद्र कुशवाहा छोड़ सकते हैं एनडीए, पीएम मोदी से मुलाकात न होने से खफा

पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और केंद्रीय मंत्री अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के लिए एनडीए को छोड़ना आसान नहीं है। तो वंही पार्टी के भीतर और बाहर एकमत नहीं है। माना जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद ही कुशवाहा मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। तो राजनीतिक गलियारों से खबर आ रही है कि 6 दिसंबर को मोतिहारी में कुशवाहा एनडीए से अलग होने का एलान करेंगे। हालांकि पार्टी का एक तबके का कहना है कि कुशवाहा एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे हैं।
इससे पहले कुशवाहा शुक्रवार देर शाम दिल्ली से पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री से मिलने का मुझे समय नहीं मिला। एनडीए में मेरी उपेक्षा हो रही है। एनडीए से अलग होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनके अकेले का फैसला नहीं है। इस पर पार्टी फैसला लेगी। 4 और 5 दिसंबर को वाल्मीकि नगर में पार्टी के चिंतन शिविर में इस पर चर्चा होगी।

रालोसपा के उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को बहुत सम्मान दिया है। यूपीए में उन्हें यह सम्मान नहीं मिलेगा। इससे पहले सांसद राम कुमार शर्मा भी एनडीए में बने रहने का संकेत दे चुके हैं।

बहरहाल ये साफ है कि रालोसपा के विधायक और सांसद एनडीए में बने रहना चाहते हैं। अगर उपेंद्र कुशवाहा अलग होने का फैसला लेते हैं तो वह अकेले महागठबंधन में शामिल होंगे। इस बीच, भाजपा ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा सुलझे राजनेता हैं और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे।

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Vinay Kumar: