पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ दुराचार एवं पोक्सो मामले में नया मोड़ आ गया। सरकारी पक्ष की एक प्रमुख गवाह ही अपने पुराने बयान से मुकर गई। कोर्ट ने उसका बयान एवं जिरह दर्ज कर दूसरे गवाह को एक अगस्त को पेश करने का आदेश दिया।
विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने बयान और जिरह दर्ज करने के बाद दोनों पक्षों को आदेश दिया कि साक्षी तलब किए जाने पर पक्षकार वादिनी व साक्षी के द्वारा मुकदमे के शीघ्र निस्तारण में किसी भी प्रकार बाधा डाली जाती है, न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जाता है, सहयोग नहीं किया जाता है तो साक्ष्य का अवसर समाप्त कर विधि संगत कार्यवाही की जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि साक्षी संख्या चार को तलब किया जाए तथा अभियुक्त भी तलब हो। दोनों पक्षों के अधिवक्ता एक अगस्त को समय से उपस्थित हों। कोर्ट में सरकारी पक्ष ने सूचित किया कि गायत्री प्रजापति लखनऊ जेल में बंद हैं। चूंकि बीमार हैं व अस्पताल में भर्ती हैं, इसलिए पेश नहीं किए जा सके हैं।
कोर्ट में जिला जेल लखनऊ से लाकर अन्य आरोपियों अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला, विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह, चन्द्रपाल तथा रूपेश्वर को पेश किया गया था। गौरतलब है कि लखनऊ के गौतमपल्ली थाने पर वर्ष 2017 में आईपीसी की विभिन्न धाराओं तथा पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में दो गवाह परीक्षित हो चुके हैं। तीसरा गवाह आज पेश किया गया था।