किसानो को समर्थन मूल्य न मिल पाने और केंद्र सरकार के डबल समर्थन मूल्य के झूठे वादे के ऊपर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने नई किताब प्रकाशित की जिसक षीर्सक है “मोदी सरकार में किसान। डबल आमद या डबल आफत। ”
अपनी किताब में उन्होंने बताया है की किसानो को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम देने के चुनावी दावे से सरकार पहले तो मुकरी, फिर लागत की परिभाषा बदल कर किसानों के साथ धोखा किया।दावा न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि का था, लेकिन वास्तव में यह 2008 की वृद्धि से भी कम था।
किसानों की आय डबल करने का नारा महज एक जुमला है क्योंकि इसके लिए अब तक ना तो कोई योजना है ना बजट ना ही प्रगति की कोई समीक्षा पिछले चार साल में किसान की आय सिर्फ 2.2% की सालाना दर से बढ़ी है, जबकि डबल करने के लिए 10.4% की जरूरत थी।
खेती किसान के सम्बन्ध में कुछ ऐसे ही मोदी सरकार के वादो की प्रमाणिक तथ्यों और आंकड़ों के साथ पड़ताल आप को मेरी किताब “मोदी राज में किसान: डबल आमद या डबल आफत?” में मिल जाएगी।
स्वराज अभियान प्रकाशन और वितरक वाणी प्रकाशन की यह पुस्तक मोदी सरकार के किसान संबंधी चुनावी वादों, सरकारी दावों और डबल आय के नारे का सच उजागर करती है।