आज का पंचांग – Today Panchang in Hindi

पंचांग या पंचागम् हिन्दू तिथि कैलेंडर है, जो की भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार काल गणना है । पंचांग जिसके नाम से ये प्रकट हो रहा है की पांच (५) अंगो का मेल यानि की पांच तत्व जैसे की तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण। वैदिक ज्योतिष पंचांग मुख्य रूप से आकाश में सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति और उनकी गति के हिसाब से बनता है। हिन्दू धर्म में पंचांग के हिसाब से ही शुभ कार्य जैसे की शादी, विवाह, धार्मिक कार्य, उद्घाटन, गृह प्रवेश, नया बिज़नेस किया जाता है।

Aaj Ka Panchang, आज का पंचांग, Today Hindu Panchang Tithi, Dates

शुभ विक्रम संवत्- 2077, हिजरी सन्- 1440-41, ईस्वी सन् -2020
अयन- उत्तरायण
मास- ज्येष्ठ
पक्ष-कृष्ण
संवत्सर नाम- प्रमादी
वार-गुरुवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-सप्तमी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-श्रवण
योग (सूर्योदयकालीन)-ब्रह्म
करण (सूर्योदयकालीन)- बव
लग्न (सूर्योदयकालीन)- मेष
शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक

अगर आप किसी शुभ कार्य को शुभ मुहूर्त में करना चाहते हैं तो दैनिक पंचांग यहाँ देख सकते है।

पंचांग से कई वर्षों की जानकारी निकली जा सकती है जो की सभी के लिए बहुत दुलर्भ है। पंचांग से एक निश्चित स्थान और समय के लिये सूर्य, चन्द्रमा और अन्य ग्रहों की स्थिति पता लगाया जा सकता है।
सीधे सब्दो में कहे तो पंचांग से शुभ समय की गणना करके किसी कार्य को आरंभ किया जा सकता है और किसी भी तरह की बाधा को दूर करने के लिये कार्य को सही समय पर करना ज़रूरी है जो पंचांग की मदद से आप कर सकते है। आज के दिन का पंचांग जानने के लिए आप हिन्दू पंचांग कैलेंडर देख सकते हैं।

पंचांग में आप को पूर्ण रूप से दिन और रात पता चल सकता है जैसे की सूर्योदय एवं सूर्यास्त , चन्द्रोदय एवं चन्द्रास्त, शक सम्वत् , अमान्ता महीना, पूर्णिमान्ता महीना, सूर्य एवं चन्द्र राशि, पक्ष. अभिजीत नक्षत्र, अमृत कालम, अशुभ समय, गुलिकाई कालम, यामगंदा, दूरमुहूर्त, वर्जयाम, राहु कालम।

सूर्योदय एवं सूर्यास्त – दिन के समय का निर्धारण सूर्योदय और सूर्यास्त तक जाना जाता है। इसलिए ज्योतिष में किसी दिन का सूर्योदय और सूर्यास्त को महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग में सभी तरह के गणना सूर्योदय और चन्द्रमा की स्थिति हिसाब से की जाती हैं।

चन्द्रोदय एवं चन्द्रास्त – सूर्योदय एवं सूर्यास्त की तरह ही चन्द्रोदय एवं चन्द्रास्त महत्वपूर्ण भी पंचांग में मुख्य माने जाते हैं।

शक सम्वत् – शक सम्वत् भारतीय कैलेंडर है जिसकी मान्यता 78AD से मानी जाती है।

अमान्ता महीना – ये हिन्दू कैलेंडर का वो महीना होता है जो कि चन्द्र महीने के बिना चन्द्रमा वाले दिन समाप्त होता है।

पूर्णिमान्ता महीना – ये हिन्दू कैलेंडर का वो महीना है जो कि चन्द्र महीने में पूरा चन्द्रमा दिखाई देने वाले दिन समाप्त होता है।

सूर्य राशि एवं चन्द्र राशि – सूर्य राशि व्यक्ति के व्यक्तित्व को चन्द्र राशि कुंडली के दूसरे पहलूओं को दर्शाता है।

पक्ष – हिन्दू पंचांग में महीने को दो भागों में बांटा जाता है जो की कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष के नाम से जाना जाता है।

अभिजीत नक्षत्र – अभिजीत मुहूर्त कोई भी शुभ काम करने के लिए बहुत ही शुभ समय माना जाता है।

अमृत कालम – अमृत कालम को कोई भी शुभ काम शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है।

गुलिकाई कालम – इस समय में किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जा सकता है।

यामगंदा – यामगंदा मुहूर्त के समय किसी शुभ काम को करना अशुभ माना जाता है क्यों की उसमे किसी तरह की रुकावट आसक्ति है।

दूरमुहूर्त – किसी भी शुभ काम को करने के लिऐ दूरमुहूर्त के समय को अशुभ माना जाता है।

वर्जयाम – वर्जयाम समय सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक हो सकता है। इसे शुभ कार्य करने के लिए ठीक नहीं माना जाता।

राहु कालम – राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

हिन्दू पंचांग से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी आप यहाँ पर पूछ सकते है।

साथ में किसी प्रकार का विशेष मुहूर्त जानने के लिये आप अपना प्रश्न यह पूछ सकते है

     

     

     

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