Ganesh ji Powerful Mantra, Ganesh Chaturthi Sthapana Mantra and Vidhi, गणेश पूजा के लिए मंत्र

गणेश पूजा के लिए मंत्र। गणेशा जी शक्तिशाली मंत्र। गणेश चतुर्थी पर गणेश जी का आवाहन करने के लिए मंत्र। गणेश चतुर्थी पर भगवन गणपति का स्तुति मंत्र।
मंत्र जिनसे पंडित जी करते गणेश जी की पूजा। जब भी पंडित जी मंत्रो के साथ हमारे घर या मंदिर में पूजा करते है तो मंत्रो के उच्चारण सुन के हमे भी वैसा करने की प्रेरणा मिलती है। ठीक तरह से गणेश मंत्रो के साथ गणपति की पूजा। आइए आगे पढ़ते है कौन कौन से मंत्र होते है जिनसे गणेश जी की पूजा की जाती है।

ये है गणेश जी के पांच प्रसिद्ध मंदिर

गणेश जी आवाहन मंत्र

गणेश जी की पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश का आवाहन करें। इसके लिए यह मंत्र दोहराएं।

गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं।
उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।
आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।
यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।।

गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा का मंत्र

आवाहन के बाद अब गणेज जी की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए इस प्राण प्रतिष्ठा मंत्र का दोहराना करे।
अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च।
अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन।।

गणेश जी को आसान पर बैठाने का मंत्र

आप गणेश जी को आसान पर बैठने के लिए इस मंत्र का जप करे।

रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्व सौख्यंकर शुभम।
आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः।।

गणेश जी का स्नान का मंत्र

गणेश जी की प्रतिमा को स्नान करवाएं। गणेश जी का स्नान का मंत्र इस प्रकार है।

गंगा सरस्वती रेवा पयोष्णी नर्मदाजलै:।
स्नापितोSसी मया देव तथा शांति कुरुश्वमे।।

गणेश जी को दूध् से स्नान करने के लिए इस मंत्र का जाप करे।

कामधेनुसमुत्पन्नं सर्वेषां जीवन परम।
पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थं समर्पितं।।

गणेश जी को दही से स्नान कराते वक्त यह मंत्र पढ़े

पयस्तु समुदभूतं मधुराम्लं शक्तिप्रभं।
ध्यानीतं मया देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यतां।।

गणेश जी को घी से स्नान कराते वक्त यह मंत्र पढ़े।

नवनीत समुत्पन्नं सर्व संतोषकारकं।
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।।

गणेश जी को शहद से स्नान करते वक्त यह मंत्र पढ़े।

तरु पुष्प समुदभूतं सुस्वादु मधुरं मधुः।
तेजः पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराते वक्त यह मंत्र पढ़े।

पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं।
पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

गणेश जी को आखिर में शुद्ध जल से स्नान कराएं और यह मंत्र पढ़े।

मंदाकिन्यास्त यध्दारि सर्वपापहरं शुभम।
तदिधं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम।।

गणेश जी को वस्त्र अर्पण या पहनने का मंत्र

गणेश जी की प्रतिमा को सभी प्रकार के स्नान करने के बाद उनको वस्त्र अर्पण या पहनाने के वक्त यह मंत्र दोहराना पढ़े।

सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवारणे।
मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यतां।।

गणेश जी का जनेऊ मंत्र

गणेश जी को स्नान और वस्त्र पहनाने के बाद जनेऊ जरूर पहनाएं और उस वक़्त यह मंत्र पढ़े।

नवभिस्तन्तुभिर्युक्त त्रिगुण देवतामयम |
उपवीतं मया दत्तं गृहाणं परमेश्वर : ||

गणेश जी को चन्दन चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेंश को स्नान, वस्त्र और जनेऊ पहनने के बाद चंदन का तिलक करे तब यह मंत्र पढ़े।

रक्त चन्दन समिश्रं पारिजातसमुदभवम।
मया दत्तं गृहाणाश चन्दनं गन्धसंयुम।।

गणेश जी को रोली लगाने का मंत्र

गणेश जी को रोली चढ़ाते वक्त यह मंत्र पढ़े।

कुमकुम कामनादिव्यं कामनाकामसंभवाम ।
कुम्कुमेनार्चितो देव गृहाण परमेश्वर्:।।

गणेश जी को सिन्दूर चढ़ाने का मंत्र

रोली के बाद सिंदूर चढ़ाएं और यह मंत्र पढ़े।

सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यतां।।

गणेश जी को अक्षत चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेश को चावल अक्षत चढ़ाते वक्त यह मंत्र पढ़े।

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः।
माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः।।

गणेश जी को पुष्प चढ़ाने या अर्पण का मंत्र

गणेश जी पुष्प चढ़ाने के समय यह मंत्र पढ़े।

पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै:।
पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां।।

गणेश जी को बेल का पत्र चढ़ाने का मंत्र

भगवान शिव की तरह गणेश जी पर भी बेल पत्र चढ़ाएं और यह मंत्र पढ़े।

त्रिशाखैर्विल्वपत्रैश्च अच्छिद्रै: कोमलै: शुभै:।
तव पूजां करिष्यामि गृहाण परमेश्वर :।।

दूर्वा (दुब – हरी घास ) चढ़ाने का मंत्र

भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय है। इसे अर्पित करते वक्त यह मंत्र पढ़ सकते है।

त्वं दूर्वेSमृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि।
सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव।।

भगवान गणेश को आभूषण चढ़ाने का मंत्र

इन सबके बाद गणेश जी को आभूषण पहनाएं और यह मंत्र पढ़े।

अलंकारान्महा दव्यान्नानारत्न विनिर्मितान।
गृहाण देवदेवेश प्रसीद परमेश्वर:।।

भगवान गणेश जी की पूजा में यह मंत्र भी हैं खास

सुगन्धित तेल चढ़ाएं– चम्पकाशोक वकु ल मालती मीगरादिभि:। वासितं स्निग्धता हेतु तेलं चारु प्रगृह्यतां।।
दीप दिखाएं– आज्यं च वर्तिसंयुक्तं वहिन्ना योजितं मया। दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम।।
मिठाई अर्पण करें– शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम। उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां।।
धूप दिखाए – वनस्पतिरसोदभूतो गन्धढयो गंध उत्तम :। आघ्रेय सर्वदेवानां धूपोSयं प्रतिगृह्यतां।।
आरती करें– चंद्रादित्यो च धरणी विद्युद्ग्निंस्तर्थव च। त्वमेव सर्वज्योतीष आर्तिक्यं प्रतिगृह्यताम।।

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Ritu Raj: