गायत्री मंत्र – Gayatri Mantra Lyrics
पढ़े गायत्री मंत्र हिंदी में साथ में मिल रहा है। आप को इसका मीनिंग जिससे आप को गायत्री मंत्र को समझने में सहायता मिलेगी यह आप को गायत्री माता के बारे में भी जानना बहुत ज़रूरी है। श्रीमद भगवद गीता में भगवान श्री कृष्णा ने एक श्लोक बोला है ‘गायत्री छन्दसामहम्’ जिसका अर्थ है गायत्री मंत्र मैं स्वयं हूं गायत्री मंत्र त्रिदेवो (बृह्मा, विष्णु और महेश ) का सार है। गायत्री मंत्र को सूर्यदेव ने हनुमान जी को शिक्षा देते समय बताया था।
देखे आज का चौघड़िया ।
Gyatri Mantra in Hindi
ॐ भूर्भुवः स्व:तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गोदेवस्य धीमहिधियो यो नः प्रचोदयात् ॥
Meaning of Gyatri Mantra
Know Every Words Meaning Of Gayatri Mantra. जाने गायत्री मंत्र के हर शब्द का मतलब
“ॐ ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्”
गायत्री मंत्र का सरल और गोपनीय अर्थ हिन्दी में।
- ॐ : जो की परम परमात्मा जो पूरी श्रष्टी का शक्ति पुंज है
- भूः भूलोक
- भुवः : अंतरिक्ष लोक
- स्वः : स्वर्गलोक
- तत् : परमात्मा अथवा ब्रह्म
- सवितुः – ईश्वर
- वरेण्यम – वंन्दनीया/पूजनीय
- भर्गः: अज्ञान तथा दुखो कष्टों को नस करने वाला
- देवस्य : देव स्वरुप
- धीमहि : हम ध्यान करते है
- धियो : बुद्धि
- योः : जो
- नः : हमें
- प्रचोदयात् : प्रकाशित करें।
गायत्री मंत्र का अर्थ: हम उस परमात्मा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार की रचना की है जो पूजनीय है, जो ज्ञान का स्त्रोत है, जिससे अज्ञान रोपी अँधेरा दूर होता हैं- हमें वह प्रकाश दिखाए जो सत्य पथ पर ले जाए।
Gyatri Mantra You tube
Gyatri Mantra vidoes on Youtube. बहुत सरे यूट्यूब चैनल है जिन्होंने ज्ञत्र के वीडियो बनाये है कुछ के लिंक हम आप को यह प्रोवाइड कर रहे है साथ गायत्री मंत्र का एक यूट्यूब वीडियो Spiritual मंत्र नाम के चैनल से लिया गया है साथ आप गायत्री मंत्र की MP3 ओडिया भी यह दिया जा रहा है जिसको आप डाउनलोड कर के जब चाहे सुन सकते है
Gyatri Maa
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गायत्री माँ
गायत्री माँ से ही चारों वेदों की उत्पत्ति मानी जाती हैं।इसलिये वेदों का सार भी गायत्री मत्रं को माना जाता हैं। मान्यता हैं कि चारों वेदों का ज्ञान लेने के बाद जिस पुण्य की प्राप्ति होती हैं अकेले गायत्री मत्रं को समझने मात्र से चारों वेदों का ज्ञान मिलता जाता हैं।गायत्री माँ का हिन्दू भारतीय संस्कृति की जन्मदात्री मानते हैं।
Gayatri Maa – गायत्री माता की आरती
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री॥ जयति ..
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत् धातृ अम्बे।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे॥ जयति ..
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी॥ जयति ..
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता॥ जयति ..
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे॥ जयति ..
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी॥ जयति ..
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे॥ जयति ..
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै॥ जयति ..
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये॥ जयति ..
तुम समर्थ सब भांति तारिणी तुष्टि-पुष्टि द्दाता।
सत मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता॥
ऊँ नमोडस्त्वनन्ताय सहस्त्रमूर्तये, सहम्त्रपादाक्षिशिरोरुबाहवे ।सहस्त्रनाम्ने पुरुषा शाश्वते, सहस्त्रकोटी युगधारिणे नमः ।।
जाने कब है गायत्री जयंती और क्या है गायत्री माता की महिमा
आप के मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो आप पूछ सकते है