जया एकादशी व्रत हिंदू कैलेंडर के अनुसार “माघ” के महीने में शुक्ल पक्ष की “एकादशी” तिथि पर किया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह जनवरी और फरवरी के बीच में आता है। जय एकादशी तिथि पर गुरुवार हो तो यह बहुत ही मंगलकारी हो जाता है।साल 2023 में यह व्रत 1 फरवरी, दिन बुधवार को पड़ रहा है।
यह एकादशी व्रत और पूजा भगवान विष्णु को सम्पर्पित है, जो की तीनो लोको के हिंदू देवी देवताओं में प्रमुख है। जया एकादशी व्रत और पूजा पाठ से भक्तो को भगवान श्री हरि का विशेष आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है। जया एकदशी के व्रत रखने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति करता है।
जया एकादशी से सम्बंधित कुछ संकाएँ और सवाल है तो ज़रूर पूछे
जया एकादशी व्रत को अलग अलग नामो और अलग अलग तरह से मनाया, दक्षिणी भारत विशेषकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में जया एकादशी को “भूमी एकादशी” और “भीष्म एकादशी” भी कहते है।
जया एकादशी कब है?
Jaya Ekadashi in | Jaya Ekadashi Vrat day | Jaya Ekadashi dates & month |
2019 | Saturday | 16th of February |
2020 | Wednesday | 5th of February |
2021 | Tuesday | 23rd of February |
2022 | Saturday | 12th of February |
2023 | Wednesday | 1st of February |
2024 | Tuesday | 20th of February |
2025 | Saturday | 8th of February |
जाने Purnima vrat dates
जया एकादशी पूजा अनुष्ठान
- जया एकादशी के दिन लोग व्रत रखते है। भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं, और बिना कुछ खाए-पीए। जया एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि (10 वें दिन) से होती है। तो आप यह बात ध्यान रखे की सूर्योदय के बाद एकादशी पर पूर्ण उपवास रखे है, कोई भोजन नहीं करे।
- जया एकादशी उपवास करते समय, व्यक्ति को अपने मन में क्रोध, वासना या लालच की भावना को नहीं आने देना चाहिए। जया एकादशी व्रत शरीर और आत्मा दोनों को शुद्ध करने के लिए है। जया एकादशी व्रत के पालनकर्ता को द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और उसके बाद अपना व्रत खोलना चाहिए। व्रत रखने वाले को जगराता करना चाहिए और भगवान विष्णु की प्रशंसा पूजा और भजन गाना चाहिए।
- जया एकादशी pr ऐसे लोग जो पूर्ण उपवास का पालन नहीं कर सकते, वे भी दूध और फलों पर आंशिक उपवास रख सकते हैं। यह बात बुजुर्ग लोगों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर शारीरिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए है।
- जया एकादशी per जो लोग व्रत नहीं करना चाहते हैं उन्हें चावल और सभी प्रकार के अनाज से बने भोजन खाने से परहेज करना चाहिए। शरीर पर तेल और इत्र nhi लगाने chayea है।
जया एकादशी पर पूरे समर्पण तन मन धन के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भक्त सूर्योदय से पहले उठते हैं और जल्दी स्नान करते हैं। भगवान विष्णु की मूर्ति को चंदन का लेप, तिल, फल, दीपक और धुप अर्पित करते हैं। जया एकादशी के दिन ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ और ‘नारायण स्तोत्र‘ का पाठ करना शुभ माना जाता है।