पल्हना देवी मंदिर – मां पाल्हमेश्वरी धाम की पौराणिक कथा और सिद्ध मंत्र

Palhna Devi Mandir

पल्हना मंदिर ( Palhna Devi Mandir ) के नाम से प्रसिद्ध देवी दुर्गा जी का सिद्ध पीठ है जो उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़ पल्हना  स्थित है ।  मां पाल्हमेश्वरी धाम में नवरात्र के अंतिम दिन मां का दर्शन करने के लिए श्रद्घालुओं का मेला लगता है । मां पाल्हमेश्वरी को लोग लाल चुनरी और फूल माला चढ़ाते है । इस दौरान मंदिर परिसर में मुंडन के साथ ही कड़ाही चढ़ाने वालों की काफी भीड़ लगी रही। मां पाल्हमेश्वरी धाम की महिमा का वर्णन धर्मग्रंथों में भी मिलता है। This is the Hindu Temples in Palhana .

मां पाल्हमेश्वरी धाम का पौराणिक कथा

पुराणों के अनुुसार महाराज दक्ष ने एक यज्ञ किया था जिसमें भगवान भोलेशंकर को निमंत्रण नहीं दिया था। उनके मना करने पर भी देवी सती अपने पिता के घर गई और वहां अपने पति का स्थान न पाकर वह क्रोध में अग्नि कुंड में कूद कर अपनी जान दे दी। सती के यज्ञ कुंड में कूदने की सूचना पर भगवान भोले शंकर ने काल भैरव को भेजकर यज्ञ को विध्वंस कर दिया और सती के शव को कंधे पर रखकर वह ब्रह्माँड का विचरण करने लगे। जिसके कारण तीनों लोगों में भूचाल आ गया। तब भगवान विष्णु ने सती के शव को सुदर्शन चक्र से काटना शुरू कर दिया। माना जाता है कि देवी के घुटने से लेकर पैर तक का भाग पल्हना में गिरा जो आज पाल्हमेश्वरी देवी के नाम से पूजित है। इस धाम को एकमात्र शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त है।

दूसरी पौराणिक कथा 

जब मथुरा नरेश कंस ने देवकी के आठवे संतान के जन्म की सूचना मिली तो वह काराग्रह मे गया और देखा की ये आठवी संतान तो लड़का नहीं पैदा हुआ लड़की पैदा हूई है तो वह सोचा की ये जरुर् भगवान विष्णु की चाल है इस कन्या को मारना उचित होगा और उसने उस कन्या को जब हाथो मे पकड़ कर पत्थर पर पटकना चाहा तो वह देवी रूपी कन्या कंस के हाथो से उड़ कर आसमान मे जाकर आकाशवाणी की हे कंस तू मुझे क्या मरेगा जो तुझे मरने वाला है वो तो इस पर्थ्वी पर पैदा भी हो चुका है और फिर देवी माँ खंड खंड रूप मे विभाजित हो गई और जहा जहा जो जो अंग गिरा वो सिद्ध पीठ के रूपो मे पूजा जाता है उन स्थानो मे विंध्याचल (मिर्जापुर) , चौकियाँ माई ( जोनपुर,उत्तर प्रदेश ) आदि …. और भी सिद्ध पीठ स्थान है उन्ही मे से एक माँ पलह्मेश्वरी देवी (सिद्ध पीठ) भी है। 

कैसे पहुंचे पल्हना मंदिर लालगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश

 पल्हना मंदिर  के नाम से प्रसिद्ध देवी दुर्गा जी का सिद्ध पीठ जिला आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) में स्थित है यह वाराणसी (बनारस) से 82 किलोमीटर दूर है आप को इस स्थान के दर्शन के लिए वाराणसी से सीधे आजमगढ़ वाली बस पकड़ के लालगंज  मासिरपुर मोड़) उतरना होगा या आप बस वाले को बोलेंगे की माँ पल्हमेश्वरी के दर्शन को जाना है तो वो ख़ुद ही आपको लालगंज (मासिरपुर मोड़ ) पर उतार देगा वहा से सीधे ही जीप या ऑटो जाते है मसिरपुर मोड से तरवा मार्ग पर मात्रा १५ किलोमेटेर पर माँ भगवती का सिद्ध पीठ स्थान है। 

दुर्गा सप्तशती के सिद्ध मंत्र

सर्वकल्याण एवं शुभार्थ प्रभावशाली माना गया है-

सर्व मंगलं मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके ।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥

बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप फलदायी है

सर्वाबाधा वि निर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥

आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस चमत्कारिक फल देने वाले मंत्र को स्वयं देवी दुर्गा ने देवताओं को दिया गया है

देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

विपत्ति नाश के लिए

शरणागतर्दनार्त परित्राण पारायणे।
सर्व स्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥

ऐश्वर्य, सौभाग्य, आरोग्य, संपदा प्राप्ति एवं शत्रु भय मुक्ति-मोक्ष के लिए-

ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥

विघ्ननाशक मंत्र-

सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्यसयाखिलेशवरी।
एवमेय त्याया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्‌॥

Chal Palhna Dham Ae Balam Jee – मनोज तिवारी

Azamgarh Me Pawan Bate Palhna Mai Dham

पल्हना मेला आज़मगढ़ || Palhna Mela Azamgarh



Palhana  Azamgarh Pin Code :   276202

Spread the love