फुलेरा दूज फाल्गुन महीने का एक प्रसिद्ध त्योहार है। भगवान कृष्ण और राधा रानी से जुड़ा है फुलेरा दूज का त्यौहार। फुलेरा दूज का त्योहार ‘वसंत पंचमी‘ और ‘होली‘ के बीच में आता है। फुलेरा दूज का त्यौहार कृष्णा भक्तो के द्वारा बड़े उत्साह और धूम धाम से मनाया जाता है। यह फाल्गुन के हिंदू महीने के दौरान या ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार फरवरी-मार्च के महीनों के दौरान शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। ‘फुलेरा’ का उद्गम फूल शब्द से है। और हिन्दू धर्म की परम्परा के अनुसार फुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्णा और राधा रानी फूलो की होली खेलते थे। उनकी याद में माने जाने वाला फुलेरा दूज का त्यौहार हमारे जीवन में खुशियाँ और सौभाग्य का तोहफा लता है।
फुलेरा दूज का उत्सव मंदिरो में होता है। जहा पर कृष्णा और राधा का वेश धारण कर लोग नाचते गाते है और फूलो की होली खेलते है। यह दिन मथुरा, वृंदावन और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों बहुत विशेष होता है। फुलेरा दूज के दिन मंदिरों में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। होली के उत्सव के आगमन प्रदर्शित करता है यही त्यौहार लोगो में जोश भरता है। भगवान कृष्ण की मूर्तियों को फूलो और रंगों से सजाया जाता है।
फुलेरा दूज का उत्सव
फुलेरा दूज का त्योहार भगवान कृष्ण को समर्पित है। मुख्य रूप से फुलेरा दूज उत्तर भारत में मनाया जाता है। भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। फुलेरा दूज जीवन में समृद्धि और खुशी लता हैं। इस दिन लोग अपने घरों में भगवान कृष्ण की मूर्तियों को सजाते है और कीर्तन करते हैं। इस दिन लोग देवता के साथ फूलों से होली खेलते है।
भगवान कृष्ण के लगभग सभी मंदिरों में, विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र में जहां भगवान ने अपने जीवनकाल में सबसे अधिक समय बिताया है, फुलेरा दूज के पवित्र दिन पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मंदिरों को सुंदर ढंग से सजाया गया है। फुलेरा दूज पर भक्त दूर-दूर से ब्रज आते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति और उनका दरबार फूलो से सजा हो, फाग का महीना, रंगो की बहार, भक्तो की टोली यही नजारा चारो और जय श्री कृष्ण की गूँज। भगवान कृष्ण का इतना सुंदर दृश्य है।
Phulera Dooj Festival Dates 2021
- 2021 Monday, 15th of March
- 2022 Friday, 4th of March