दिन होरा | |
HORA | TIME |
शनि | 6:51 : 7:51 |
गुरु | 7:51 : 8:51 |
मंगल | 8:51 : 9:51 |
सूर्य | 9:51 : 10:51 |
शुक्र | 10:51 : 11:51 |
बुध | 11:51 : 12:51 |
चन्द्र | 12:51 : 13:51 |
शनि | 13:51 : 14:51 |
गुरु | 14:51 : 15:51 |
मंगल | 15:51 : 16:51 |
सूर्य | 16:51 : 17:51 |
शुक्र | 17:51 : 18:51 |
रात होरा | |
HORA | TIME |
बुध | 18:51 : 19:51 |
चन्द्र | 19:51 : 20:51 |
शनि | 20:51 : 21:51 |
गुरु | 21:51 : 22:51 |
मंगल | 22:51 : 23:51 |
सूर्य | 23:51 : 0:51 |
शुक्र | 0:51 : 1:51 |
बुध | 1:51 : 2:51 |
चन्द्र | 2:51 : 3:51 |
शनि | 3:51 : 4:51 |
गुरु | 4:51 : 5:51 |
मंगल | 5:51 : 6:51 |
शुभ होरा
वैदिक ज्योतिष समय की गणना के हिसाब से दिन के समय के प्रत्येक घंटे को होरा परिभाषा दी है। आधुनिक घड़ी की तरह ही, हिंदू पंचांग में सूर्योदय से सूर्यास्त और रात का पहर मिलाकर 24 होरा होते हैं। इसको आप एक होरा बराबर दिन की एक घंटे की अवधि होती है और इस समय पर विशेष ग्रह शासित होता है। और यही ग्रह निश्चित करते है की होरा मंगलकारी होगा या नहीं। किसी कार्य की योजना बनाने और उसका सफलता पूर्वक संपन्न होने तथा बुरे प्रभावों से बचने के लिए होरा का उपयोग किया जाता है।
शिशु के जन्म का प्रेडिक्शन या दिन के सबसे योग्य समय में कार्य को करने की शुभ होरा गणना काम में ली जाती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार होरा टेबल से जीवन के मजबूत व कमजोर समय की पहचान करने में मदद करता है।
शुभ होरा की गणना
किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली की गणना होरा के अनुसार की जाती है। अगर आप के मान में यह प्रश्न है की आपका जन्म किस शुभ होरा में हुआ है तो यही जानकारी आप के ज्ञान की बढ़ने वाली है की इंसान सूर्य होरा या चंद्र होरा में ही जन्म लेता है।
जब दिन के शुभ होरा देखे तो है तो सूर्य, शुक्र और बृहस्पति पर अधिक ध्यान दिया जाता है, क्योंकि ये एक मजबूत ग्रह के रूप में जाने जाते है।
जबकि रात के शुभ होरा को देखे तो चंद्रमा, मंगल और शनि पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। ऐसा माना जाता है की ये ग्रह रात में शक्तिशाली होते हैं।
इनके अलावा, जन्म के समय के आधार पर बुध अपना प्रभाव बढ़लता रहता है। यह तब प्रभावशाली होता है जब किसी जन्म का समय सूर्योदय या सूर्यास्त के पास होता है।
हर जातक की अपनी जन्म राशि होती है। प्रत्येक राशि को राशिचक्र में 30 अंश की वैल्यू दिन गई है। इस वैल्यू को आगे दो बराबर हिस्सों में बांटा जाता है। वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन राशियों के जातक रात के शुभ होरा के होते हैं, और चंद्रमा द्वारा शासित होते हैं। तो वहीं मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ राशि के जातक दिन के शुभ होरा के होते हैं और सूर्य द्वारा शासित होते है।
इन सभी तथ्यों के आधार पर होता टेबल तैयार की जाती है और एक बार ग्रहों के होरों का विश्लेषण करके, विभिन्न कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय का होरा परिणाम देते हैं।
एक होरा में प्रत्येक ग्रह स्वामित्व और उसका महत्व है।
शुभ होरा की ज़रूरत दिन की योजना बनाने के लिए ग्रहों की चाल के अनुसार की जाती है। प्रत्येक ग्रह एक विशेष प्रकार के कार्य को संपन्न करने में सहयोग देता हैं। लक्ष्य प्राप्ति के लिया मार्ग प्रसस्त करता है।
No. | Planet | Work |
1 | सूर्य | सरकार से संबंधित कार्य, प्रशासनिक, खेल, स्वास्थ्य, |
2 | चंद्रमा | कृषि संबंधी गतिविधियाँ, जनसंपर्क, घरेलू गृहस्थी, मातृ देखभाल, सामाजिक सेवाएं |
3 | बुध | सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, , संचार, व्यवसाय |
4 | शुक्र | वाद-विवाद, सामाजिक सेवाएं, घरेलू गृहस्थी, कला, मनोरंजन,प्रतियोगिता, साहित्य, |
5 | मंगल | निर्माण, खेल, मशीन, शारीरिक कार्य, सैन्य, |
6 | बृहस्पति | शिक्षा प्रारंभ करें , वित्तीय, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, धार्मिक, यात्रा, मातृ, यात्रा, |
7 | शनि | नया व्यवसाय, घरेलू गृहस्थी, विवाद निपटारा, सफाई, |
शुक्र और बृहस्पति ग्रहों के शुभ होरा में यदि कोई कार्य संपन्न होता है तो उस कार्य का परिणाम जन्म कुंडली के अनुसार प्राप्त होगा। इसके उल्टा, शनि और मंगल ग्रह के होरा में कार्य करते समय सावधान रहना चाहिए, क्योंकि ये आप को बाधा, दबाव, तनाव और चिंता आदि समस्या उत्पन्न करते है।
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